मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021
रविवार, 7 फ़रवरी 2021
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ‘‘परिवर्तन यात्रा’’छठवें दिन पहुंची चन्दौली
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ‘‘परिवर्तन यात्रा’’छठवें दिन पहुंची चन्दौली
पपौरा से परिवर्तन यात्रा रवाना हुई फिर मनीहरा पुल, सकलडीहा सघनक्षेत्र पर जोखू सिद्दीकी के यहां स्वागत हुआ. इसके बाद सकलडीहा बाजार में पहुंची जहां डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण के बाद स्वागत हुआ. फिर वहां से सकलडीहा रेलवे स्टेशन (बरठी), नई बाजार, फेसुड़ा, तेन्दुहान, दुधारी पुल, सैयदराजा, भगवानपुर, नवही पुल, कांटा, विशुनपुरा, सवईयां नदी पार होते हुए जेंगुरी पहुंची जहां स्वागत के साथ कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सूत्रों ने बताया कि 8 फरवरी को दूसरे दिन परिवर्तन यात्रा शहाबगंज, सैदूपुर (बरहुआ) होते हुए चकिया, नौगढ़ पहुंचेगी. फिर वहां से राबर्टगंज के लिए रवाना होगी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौधरी विकास पटेल ने कहा, इस परिवर्तन यात्रा चलाने के पीछे का मकसद यही है कि 73-74 साल की आजादी में कुत्तो की गिनती की गई, हिजड़ों की गिनती की गई. लेकिन, देश के पिछड़े वर्ग जिनकी आबादी लगभग 60 प्रतिशत है उन लोगों की गिनती तक नहीं हुई. जबकि देश के प्रधानमंत्री कहते हैं ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ लेकिन जब ओबीसी की जाति आधारित गिनती कराने की बात आई तो उन्होंने ओबीसी की गिनती करने से साफ इनकार कर दिया.
हमारे लोगों ने नरेन्द्र मोदी को ओबीसी जानकर वोट दिया, क्या हुआ? हमारा वोट लेकर, हमारा समर्थन लेकर प्रधानमंत्री बने और हमारे हमारी जनगणना पर रोक लगा दिया. यह कितनी हैरान करने वाली बात है कि नरेन्द्र मोदी ने जानवरों की गिनती करने के लिए आदेश दिया, हिजड़ों की गिनती करने के लिए आदेश दिया, मगर पिछड़ों की गिनती करने पर रोक लगा दिया. इतना ही नहीं ओबीसी के 314 बच्चे जो कलेक्टर बनने वाले थे उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दिया. ओबीसी के स्कॉरशिप को बंद कर दिया, बजट में पिछड़े वर्ग को एक भी पैसा नहीं दिया. इसके बाद पिछड़े के लोगों, किसानों के पास जो जगह-जमीन है उस पर अडानी, अंबानी का कब्जा करने के लिए कानून बना दिया. दिल्ली में मोदी और यूपी में योगी किसानों को मारने काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 2017 के चुनाव में ओबीसी का वोट लेने के लिए केशाव प्रसाद मौर्या को आगे किया, लेकिन जब सरकार बनाने का समय आया तो वोट लेकर योगी को मुख्य मंत्री बना दिया और केशव प्रसाद मौर्या को उप बनाकर चुप करा दिया.