पुलिस ने अध्यापक को थाने में नंगा किया, जूते चटवाए, सुसाइड
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शिवपुरी। सहायक अध्यापक मनोज कुमार पुरोहित ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड कर लिया है। अपने सुसाइड नोट में सहायक अध्यापक ने लिखा है कि पुलिस ने उसे थाने में नंगा किया, जूते चटवाए, बेवजह प्रताड़ित किया। पुलिस ने उसे जुआ एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था जबकि अध्यापक का कहना था कि पुलिस उसके भांजे की बस से अवैध वसूली करती है। उसने विरोध किया तो उसके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई।
मनोज पुरोहित 29 अक्टूबर को जुआ एक्ट में अरेस्ट किए गए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक, इस दौरान उनके साथ बर्बरता हुई। उन्होंने सुसाइड से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी, अपने दो भाइयों, पिता और मां के नाम अलग-अलग लेटर लिखे। इनमें लिखा कि थाने में बंद करके पुलिसवालों ने कपड़े उतरवाए, जूते से पीटा और जूते तक चटवाए। उनके ऊपर झूठा केस भी लगाया।
इस मामले में टीचर के पिता नारायणदास पुरोहित ने कहा, "पुलिस की बर्बरता से अपमानित होने की वजह से उनके बेटे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। दुखी होकर
उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सरकार को दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने 29 अक्टूबर को शाजापुर स्कूल के टीचर मनोज समेत 6 लोगों पर जुआ एक्ट के तहत कारवाई की थी। पुलिस का दावा है कि आरोपियों से 35 हजार 40 रुपए जब्त किए गए थे। गिरफ्तार होने के बाद आरोपियों ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया था।
मनोज ने भाई और पिता नारायणदास पुरोहित, मां और भाभी को लिखे लेटर में कहा, "मेरा निवेदन है कि मेरे दोनों बच्चे और पत्नी रूबी का ध्यान रखें। मैं उन्हें आप सभी के हवाले छोड़कर जा रहा हूं। सुरेश राजपूत, शारदा राजपूत आप भी मेरे बच्चों का ख्याल रखें। मेरी पत्नी रूबी को मेरा कहना है कि तुम इन सभी की बात मानना। अगर बच्चों का भविष्य बनाना है तो मेरी आखिरी बात यही है कि मेरे दोनों भाई तुम्हारे पिता के समान हैं। सभी से हाथ जोड़कर क्षमा चाहता हूं कि अपनी बेइज्जती की वजह से मैं यह कदम उठा रहा हूं।
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