भारत में 1 लाख, मप्र में 18 हजार स्कूलों में सिर्फ 1 शिक्षक
TUESDAY,
AUGUST 9, 2016
;
भोपाल। प्रदेश
में
इस
समय
करीब
अठारह
हजार
स्कूल
ऐसे
हैं
जहां
सिर्फ
एक
ही
शिक्षक
पूरा
स्कूल
चला
रहा
है।
बच्चों
को
पढ़ाने
से
लेकर
वह
मध्यान्ह
भोजन
तक
की
व्यवस्था
नहीं
है।
संसद
में
केंद्रीय
मानव
संसाधन
विकास
राज्य
मंत्री
उपेंद्र
कुशवाहा
द्वारा
स्कूलों
को
लेकर
पेश
की
गई
रिपोर्ट
यह
खुलासा
हुआ
है।
इस
रिपोर्ट
में
बताया
गया
है
कि
देश
में
करीब
1,05,630 प्राथमिक
और
माध्यमिक
सरकारी
स्कूल
ऐसे
हैं
जहां
केवल
एक
टीचर
ही
स्कूल
चला
रहा
है।
इस
मामले
में
सबसे
खराब
स्थिति
मध्य
प्रदेश
की
है
जहां
ऐसे
स्कूलों
की
संख्या
17,874 है।
यह
सरकारी
आंकड़े
हैं
असल
स्थिति
इस
से
भी
बदतर
हो
सकती
है।
एक
शिक्षक
के
भरोसे
चलने
वाले
स्कूलों
में
मध्यप्रदेश
देश
में
नंबर
एक
पर
है।
प्रदेश
में
इस
समय
करीब
पचास
हजार
से
अधिक
शिक्षकों
की
कमी
है।
सरकार
संविदा
के
आधार
पर
शिक्षकों
की
भर्ती
कर
इस
कमी
को
पूरा
करने
का
प्रयास
करती
रही
है
पर
पिछले
चार
सालों
से
यह
भर्ती
भी
नहीं
हुई
है।
व्यापमं
के
जरिए
होने
वाली
संविदा
शिक्षक
परीक्षा
की
भर्ती
में
गडबड़ियों
का
खुलासा
होने
के
बाद
भर्ती
प्रक्रिया
पर
ब्रेक
लगा
हुआ
है।
शिक्षामंत्री
का
कहना
है
कि
सरकार
इस
साल
दिसम्बर
में
भर्ती
की
तैयारी
कर
रही
है।
जल्द
करेंगे
भर्ती
: जोशी
यह सही
है
कि
प्रदेश
के
स्कूलों
में
शिक्षकों
की
कमी
है
पर
हम
इसे
जल्द
भरने
का
प्रयास
कर
रहे
हैं।
हम
जल्द
ही
प्रोफेनशल
एक्जामिनेशन
बोर्ड
के
जरिए
45 हजार
शिक्षकों
की
भर्ती
करने
जा
रहे
हैं।
इसकी
प्रक्रिया
भी
शुरू
हो
चुकी
है।
जिन
स्कूलों
में
स्थाई
शिक्षक
नहीं
है
वहां
अतिथि
शिक्षकों
की
भर्ती
कर
व्यवस्था
बनाई
जा
रही
है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें