बुधवार, 13 सितंबर 2017

"मायावती जितनी छोटी है, उतनी ही खोटी है !


मान्यवर कांशीराम जी के निकट सहयोगी रहे C. L. Chumber जी की वॉल से ...

शहीदे आजम साहब कांशीराम जी को हैदराबाद से अगवा किया गया था और 10 सितंबर, 2003 को हैदराबाद के निजाम अस्पताल लाया गया। यह खबर फैला दी गई कि उन्हें दिमागी बीमारी है। इसके बाद उन्हें विमान से दिल्ली लाया गया, जिसका वीडियो डीडी न्यूज़ चैनल पर दिखाई गई थीं। मैंने खुद वे तस्वीरें देखी थीं। मैं हैरान रह गया ! उन्हें भारत के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली के ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लाया गया। इसके बाद उन्हें इंडो-आर्यन के उस बत्रा हॉस्पीटल में कैद करके रखा गया, जिसका उद्घाटन लालकृष्ण आडवाणी ने ही किया था। देश के सबसे बड़े अस्पताल से हटाकर उन्हें इस छोटे अस्पताल में क्यों लाया गया था ? आडवाणी और मायावती दोनों के मसूरी हिल स्टेशन पर पास-पास ही होटल हैं। मायावती ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर तक को कांशीराम जी से मिलने और उनकी सेहत के बारे में पूछने का अनुमति नहीं दी। क्यों ? उन्होंने साहब कांशीराम की माता और उनके परिजनों को भी उनसे क्यों नहीं मिलने दिया ?
हमने जम्मू, लुधियाना, हरिद्वार, अंबाला और जयपुर की अक्टूबर 2005 की मायावती की रैलियों में कांशीराम जी को लाने की मांग की लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। क्यों ? क्यों उन्होंने दिसंबर, 2005 में कांशीराम की माता जी के निधन पर उनकी चिता को मुखाग्नि देने का मौका कांशीराम जी को नहीं दिया ? सितंबर, 2002 में जम्मू के अखनूर में बसपा की रैली में मायावती की मौजूदगी में अपनी चुनावी सभा में कांशीराम जी क्यों रोते हुए बोले थे, "मायावती जितनी छोटी है, उतनी ही खोटी है ! ये बड़ों-बड़ों को अपनी उंगली पर नचाती है!" साहब कांशीराम और मायावती के बीच आई इस दरार को मनुवादी मीडिया ने सनसनीखेज खबर के रूप में क्यों नहीं दिखाया ? मैं खुद उस रैली में मौजूद था, लेकिन जब मैं सूमो कार से यात्रा कर रहा था, तभी मायावती के चमचों ने मुझे कांशीराम जी से अलग कर दिया था..ऐसा क्यों...?
(Sahib Kanshi Ram and Miss Mayawati 's last photo on last rally on 28th Aug. , 2003 at Lucknow !)

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