शनिवार, 6 जनवरी 2018

ईश्वर नहीं, भौतिकी है सृष्टि रचयिता

ईश्वर नहीं, भौतिकी है सृष्टि रचयिता:स्टीफन हॉकिंग


ब्रिटेन के भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने कहा कि ब्रह्मांड की संरचना भौतिक विज्ञान के निश्चित नियमों की वजह से हुआ है और इसके निर्माण में ईश्वर की कोई भूमिका नहीं है।
समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ के अनुसार हाल ही में आई अपनी किताब ‘द ग्रांड डिजाइन’ में हॉकिंग ने लिखा है, “गुरुत्वाकर्षण के नियम के मौजूद होने की वजह से ब्रह्मांड बिना किसी की मदद के खुद को तैयार कर सकता है। ब्रह्मांड के स्वाभाविक रचना का कोई कारण न होने के बजाय कुछ तो वजह है। आखिर ब्रह्मांड का अस्तित्व क्यों है? हमारा अस्तित्व क्यों हैं?”
इससे पहले वे कहते रहे थे कि सृष्टि के रचयिता की अवधारणा विज्ञान के सिद्धांतों के विपरीत नहीं है लेकिन अब उनका कहना है कि जिस बड़े धमाके यानी बिग बैंग के बाद धरती और अन्य ग्रहों का जन्म हुआ वह वैज्ञानिक दृष्टि से अवश्यंभावी था।
हॉकिंग ने 1992 में हुई एक खोज को अपने तर्क का आधार बनाया है जिसमें पाया गया था कि हमारा सौरमंडल अनूठा नहीं है बल्कि ऐसे कई सूरज हैं जिनके चारों ओर ग्रह चक्कर काटते हैं, जिस तरह हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है।
हॉकिंग का कहना है, “अगर हमारे सौर मंडल जैसे दूसरे सौर मंडल मौजूद हैं तो यह तर्क गले नहीं उतरता कि ईश्वर ने मनुष्य के रहने के लिए पृथ्वी और उसके सौर मंडल की रचना की होगी”।
हॉकिंग ने इसाक न्यूटन के उस सिद्धात को खारिज कर दिया। जिसमें उन्होंने कहा था कि ब्रह्मांड की रचना स्वाभविक ही शुरू नहीं हुई थी, बल्कि ईश्वर ने इसको गति प्रदान की।
किताब में हॉकिंग ने लिखा है, “नीले प्रकाश को जलाने के और ब्रह्मांड को चलाने के लिए भगवान के स्पर्श की जरूरत नहीं है।”
अमेरिकी भौतिकविज्ञानी लियोनार्ड लोडिनो ‘द ग्रांड डिजाइन’ के सह लेखक हैं। इस पुस्तक का 9 सितंबर को लोकार्पण किया जाएगा।
इससे पहले स्टीफ़न हॉकिंग ने ए ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम नाम की किताब लिखी थी जिसकी लाखों प्रतियाँ दुनिया भर में बिकी थीं, इस किताब में उन्होंने सृष्टि के रचयिता के रूप में ईश्वर के अस्तित्व की संभावना से इनकार नहीं किया था।
हॉकिंग का कहना है कि उनके पास कोई पक्का सिद्धांत नहीं है, अगर ईश्वर के बारे में कोई पक्का सिद्धांत बन सके तो वह विज्ञान की सबसे बड़ी कामयाबी होगी, तब हमारे पास ईश्वर के दिमाग़ को समझने का बच जाएगा।आईएएनएस)।

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