रविवार, 28 जुलाई 2019

वादा तेरा वादा............

‘‘तीन दर्जन से ज्यादा वादा मोदी सरकार-2 के लिए मुसिबत’’


क्या हुआ तेरा वादा.......मोदी सरकार ने बीते पाँच सालों में वादे पर वादा करने में रत्तीभर भी कसर नहीं छोड़ी, आज वही वादा मोदी सरकर-2 के लिए सिर दर्द बन गया है. मोदी सरकार ने देश की जनता से कई सारे वादे किए और इन वादों को पूरा करने की के लिए 2022 तक डेडलाइन भी दी गई. इसी डेडलाइन के तहत मोदी सरकार को दो साल के भीतर तीन दर्जन से ज्यादा वादे पूरे करने हैं. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘अच्छे दिन’ का वादा किया था. इसके बाद 2017 में ‘न्यू इंडिया, डिजिटल इंडिया, रिसर्जेंट इंडिया, स्कील इंडिया जैसे तमाम वादे किये. यही नहीं 2019 में फिर से सत्ता पर काबिज होने के बाद सरकार ने सरकार ने हर शख्स को घर, हर खेत को पानी, जीडीपी दर 9 से 10 प्रतिशत करना, हर परिवार को एलपीजी सिलिंडर जैसे तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा वादे किये. अब देखना तो यह है कि क्या इसी 2022 तक की डेडलाइन के तहत मोदी सरकार महज दो साल के भीतर तीन दर्जन से ज्यादा वादे पूरा कर सकती है? 

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 50 दिन पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया. रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कई और कामों का भी लेखा-जोखा सामने रखा. मजेदार बात तो यह है कि सरकार के 50 दिन के कामकाज की रिपोर्ट कार्ड के बाद भी अभी कई ऐसे वादे हैं जिन्हें सरकार को कथित आजादी की 75वीं वर्षगाठ 15 अगस्त 2022 तक पूरा करना है. यह भी जान लें कि मोदी सरकार द्वारा इस डेडलाइन तक किए गए वे कौन-कौन से वादे हैं, जिन पर सरकार को खरा उतरना है. ‘स्ट्रैटेजी फॉर न्यू इंडिया एट 75’ शीर्षक से जारी किए गए इस दस्तावेज में नीति आयोग ने इन वादों को सूचीबद्ध कर विकास की रणनीति सुझायी है. आयोग ने यह दस्तावेज केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर विभन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से परामर्श के आधार पर तैयार किया है.सरकार का वादा है कि 2022 तक भारत की जीडीपी विकास दर 9-10 प्रतिशत होगी. 2017-18 में निवेश दर 29 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 36 प्रतिशत हो जाएगी. प्रत्येक भारतीय के पास 2022 तक एक बैंक खाता, जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा, पेंशन और सेवानिवृत्ति योजना सेवाएं मुहैया कराना. 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना. मानसून पर खेती की निर्भरता कम करने के उद्देश्य से सरकार ने हर खेत को पानी पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की स्वीकृति.

एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन करना. कणिका तत्व (पीएम 2.5) को 2022 तक 50 से कम करना. हर घर में एक एलपीजी सिलिंडर. 2022 तक रेल में सुरक्षा के ऐसे मापदंड तैयार करना जिससे यात्रा के दौरान किसी की मौत न हो. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन को संचालित करना. विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर को 2022 तक दोगुनी करना. हर भारतीय को 2022 तक अपना घर देना. हर भारतीय के पास 2022 तक अपना शौचालय. प्रत्येक भारतीय को 24/7 बिजली की आपूर्ति देना. प्रत्येक ग्राम पंचायत (हर घर में नहीं) के पास 2022 तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन देना. सरकार 2022 तक ‘100 प्रतिशत डिजिटल साक्षरता’ सुनिश्चित करेगी. हर भारतीय को 2022 तक पानी का कनेक्शन देना. भारत को कुपोषण से मुक्त करना. सात सौ जिला मुख्यालयों के अस्पतालों को ‘चिकित्सा केंद्र’ में बदलना. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार और हेल्थ केयर प्रोफेशनल को प्रशिक्षित करने करने के लिए प्राइवेट अस्तपतालों के साथ मिलकर स्वास्थ्य स्तर में सुधार करना.

मेडिकल टूरिज्म के लिए 20 ‘मेडिकल फ्री जोन’ का निर्माण करना. विकसित क्षेत्रों में सौ से अधिक नए पर्यटन स्थल बनाना. विदेशी टूरिस्ट्स को आकर्षित करने के लिए वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में भारत की हिस्सेदारी 1.18 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत करना. एंटरप्रेन्योरशिप, बिजनेस, स्टार्टअप, तकनीक को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन डिस्ट्रिक्ट तैयार करना. हाथ से मैला ढोने (मैनुअल स्कैवेंजिंग) को खत्म करना. बच्चों को कुशल बनाने के लिए छठी कक्षा से स्किल स्कूल के तहत प्रशिक्षित करना. कुल कार्यबल के मौजूदा कुशल श्रम को 5.4 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करना. हेल्थ सेक्टर में दो से तीन मिलियन नौकरी, टूरिज्म से 40 मिलियन नौकरी का लक्ष्य. ‘सिंगल यूज प्लासिटक’ को 2022 तक पूरी तरह प्रतिबंधित करना. 

अक्षय उर्जा से 175 गीग वॉट उर्जा पैदा करना. ऑयल और गैस के आयात को 2022-23 तक 10 प्रतिशत कम करना. माइनिंग सेक्टर की औसत ग्रोथ को 2018-23 के बीच 8.5 फीसदी करना. नेशनल हाइवे की लंबाई बढ़ाकर 2022 तक 2 लाख किलो मीटर करना. 2017 तक के उन सभी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पूरा करना जो दशकों से पूरे नहीं हो सके. महिला मजदूरों के कुल कार्यबल भागीदारी दर को 30 फीसदी करना. भारत के वर्तमान वन आवरण को 21 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत करना. दसवीं कक्षा से पहले किसी भी छात्र को ड्रॉप-आउट नहीं करना. सरकार ने 2022 तक सभी सरकारी स्कूलों में सौ फीसदी एनरोलमेंट का लक्ष्य रखा है. 

मरीजों और डॉक्टरों का अनुपात 1ः1400 करना. 2016-17 में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 2022-23 तक 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करना. सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) का अर्थ है कि 18 से 23 आयु वर्ग के कितने प्रतिशत युवाओं ने उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबंद्ध कॉलेजों में दाखिला लिया और 2021-22 तक भारत माला प्रोजेक्ट के पहले चरण के लक्ष्य के तहत 24,800 किलोमीटर रोड का निर्माण करना सहित तीन दर्जन से ज्यादा वादा है जिसे 2022 तक पूरा करना है. यह बात भी अच्छी तरह से जान लेने की जरूरत है कि इनमें से तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा वादे मोदी सरकार के बीते कार्यकाल के हैं. चौंकाने वाली बात तो यह है कि मोदी सरकार अपने पूरे पाँच साल में इन वादों को पूरा नहीं कर सकी, पाँच साल केवल वादे करने में ही बिता दिया तो क्या अब भरोसा है कि मोदी सरकार-2 2022 तक इन वादों को पूरा कर सकती है?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें