रविवार, 3 नवंबर 2019

ब्राह्मणवाद को बचाने के चक्कर में मारी गई इंदिरा गाँधी : भारत मुक्ति मोर्चा



भले ही लोग इंदिरा गाँधी की मौत को लेकर तमाम तरह की किंवदंतियाँ गढ़ रखी हों. लेकिन, हकीकत यही है कि इंदिरा गाँधी ब्राह्मणवाद को बचाने के चक्कर में मारी गई थी. बहुत सारे लोगों को जानकारी ही नहीं है कि 1984 को इंदिरा गाँधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार क्यों किया? असल में इंदिरा गाँधी को 1984 का चुनाव लड़ना था. उस दौरान ओबीसी की जागृती में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी, ओबीसी समाज, शासक जातियों की चाल को समझने लगा था. उस दौरान इंदिरा गाँधी ने धार्मिक ध्रुविकरण करने का निर्णय लिया. उसके लिए उसने 25 जून, 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया.

उस समय कुमार सिन्हा कमांडर के चीफ थे. दरअसल, कुमार सिन्हा बिहार के भूमीहार थे. इंदिरा गाँधी ने कुमार सिन्हा को हटाकर पूना के अरुण कुमार वैद्य को कमांडर का चीफ बनाया. जबकि, अरुण कुमार वैद्य, कुमार सिन्हा से भी जूनियर था. वह डिप्टी भी नही था. इसके बाद भी इंदिरा गाँधी ने अरूण कुमार वैद्य को चीफ ऑफ कमांडर बनाया. इसके पीछे इंदिरा गाँधी की सोच थी कि इंदिरा गाँधी ने जो पूर्व प्लान बनाकर ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम देना चाहती थी. इसके लिए कुमार सिन्हा पर उसको जरा भी विश्वास नहीं था. क्योंकि, कुमार सिन्हा शुद्र वर्ण का था, इसलिए इंदिरा गाँधी का उस पर भरोसा नही था. जबकि, अरुण कुमार वैद्य पूना ब्राह्मण था, इसलिए उस पर उसका पक्का विश्वास था. इसलिए अपने विश्वासी अरूण कुमार वैद्य को जूनियर होने के बाद भी चीफ ऑफ कमांडर बनाया. इस षड्यंत्र को समझना होगा.

डॉ. बाबासाहब अंबेडकर पूना के ब्राह्मणों के संदर्भ में‘‘ पूना ब्राह्ममिंस’’ ऐसा लिखते थे. इंदिरा गाँधी ने इस पूना के ब्राह्मणों को चीफ ऑफ कमांडर बनाया और अमृतसर में सिखों के पवित्र धर्म स्थल स्वर्ण मंदिर पर हमला करने का आदेश दिया. इंदिरा गाँधी का आदेश अंतिम आदेश मानकर अरुण कुमार वैद्य ने जनरल सुंदरजी को अमृतसर भेजकर स्वर्ण मंदिर पर लश्करी कार्यवाही करने का जो आदेश दिया उसे ही ऑपरेशन ब्लू स्टारा कहते हैं.

बता दें कि जनरल सुंदरजी ने शिखों के पवित्र धर्म स्थल अर्थात मंदिर में सैन्य भेजने के कारण सिख समुदाय में गुस्से का माहौल बन गया. जबकि, मिलीट्री में 17 फीसदी से अधिक सिख सैनिक थे. इंदिरा गाँधी की इस कार्यवाही की वजह से सैन्य में भी गुटबाजी निर्माण हो गया. यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है. इंदिरा गाँधी द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के नाम पर सिखों के पवित्र धर्म स्थल स्वर्ण मंदिर पर हमला आज भी सिख समुदाय भुले नही हैं. यह सबके पीछे इंदिरा गाँधी का उद्देश केवल ओबीसी की सामाजिक जागृती को रोकना था. और ओबीसी का मंडल कमीशन की ओर से ध्यान स्वर्ण मंदिर की तरफ ले जाना था. जिसे इंदिरा गाँधी ने प्लान बनाकर किया था. यह बात बहुत कम लोगां को जानकारी है कि इंदिरा गाँधी ब्राह्मणवाद को बचाने के लिए अपनी जान गवां दी.

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की वजह से सिख समुदाय में गुस्से का वातावरण निर्माण हुआ. नतीजन 31 अक्टूबर 1984 को उसके ही बॉड़ीगार्ड़ ने उसे गोलियों से भून दिया. इंदिरा गाँधी को गोली मारने वालों में सतवंत सिंह और बेअंत सिंह शामिल थे. स्वर्ण मंदिर पर लश्करी कार्यवाही करने वाले अरुण कुमार वैद्य को भी पूना आकर गोली मार दी गई. यानी इंदिरा गाँधी के मौत के पीछे केवल मंडल कमीशन, जाति आधारित गिनती और आरक्षण की चर्चा को हमेशा के लिए दबा देना ही मूल कारण था. 
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)

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