गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

भारत मुक्ति मोर्चा के डर से देश छोड़ने को मजबूर शासक वर्ग







14 साल में 61,000 करोड़पति शासक जातियों ने छोड़ा देश
दै.मू.ब्यूरो/नई दिल्ली
आज देश में हजारों सालों से पैर पसार चुके शासक (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य) जातियों में भारत मुक्ति मोर्चा का डर किस कदर सताने लगा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 14 साल में 61,000 से ज्यादा शासक जातियों ने भारत छोड़कर दूसरे देश में अपने ठिकाने बना चुके हैं। यह तो बस एक छोटा सा नमूना है, अभी तो पूरी फिल्म बाकी है। आगे ब्राह्मणों का क्या हाल होने वाला है, शायद इसका अंदाजा यूरेशियन ब्राह्मणों को लग चुका है। यही कारण है कि भारत से ब्राह्मणों का भाग जाना ही उनके लिए हमफूज लग रहा है। यह देश के 85 प्रतिशत मूलनिवासी बहुजनों के लिए खुशी की बात है। 
दैनिक मूलनिवासी नायक वरिष्ठ संवाददाता ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यू वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष जहां 25017 में करीब 7000 धनकुबेर शासक जातियों ने भारत छोड़ दिया था वहीं वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 6000 था, जबकि 2015 में 4000 शासक जातियों ने भारत को अलविदा कह चुके थे। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि चीन और भारत से अमीरों का पलायन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि इन देशों को जितने लोग छोड़ कर चले जाते हैं, उससे ज्यादा हर साल नए अमीर बन जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जैसे-जैसे इन मुल्कों का रहन-सहन का स्तर सुधरेगा, उम्मीद है कि ज्यादातर धनकुबेर यहां लौट आएंगे। यदि पलायन के ट्रेंड को देखें तो भारतीयों की पहली पसंद अमेरिका है। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं। मजेदार बात तो यह है कि भले ही देश की ब्राह्मण्पवादी मीडिया इनके विदेशों में बसने की वजह कुछ और बाता रही हो, मगर जमीनी हकीकत तो यही है कि शासक जातियों के भारत से जाने की वजह जैसा मीडिया बता रहा है वैसा नहीं है। सच तो यही है कि भारत मुक्ति मोर्चा की डर की वजह से शासक जातियां भारत छोड़ने पर मजबूर हो रही हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 14 साल में भारत से 61,000 करोड़पति (एचएनआई) अर्थात शासक जातियां सुरक्षा एवं बच्चों की शिक्षा के नाम पर विदेशों में शरण ले चुके हैं। यानी हर दिन करीब 12 करोड़पति शासक जातियां विदेशों में जा चुके हैं। 
आपको बताते चलें कि न्यू वर्ल्ड वेल्थ एवं एलआईओ ग्लोबल द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 21वीं सदी की शुरुआत से दूसरे देश की नागरिकता के लिए आवेदनों एवं स्थान परिवर्तन में जबर्दस्त तेजी आयी है जो शासक जातियों के लिए सुनहरा मौका मिल गया, बस इसी का फायदा उठाकर शासक जातियां अन्य देश को अपना ठिकाना बना रही हैं। क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार उनका मानना है कि उनके भारत से पलायन का कारण संकट, सुरक्षा एवं बच्चों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना ही प्रमुख कारण हैं। दरअसल मामला वह नहीं है जैसा मीडिया द्वारा बताया जा रहा है, बल्कि मामला यह है कि देश में भारत मुक्ति मोर्चा ब्राह्मणों के विरोध में जन-आंदोलन चला रहा है। क्योंकि इन ब्राह्मणों ने भारत के 85 प्रतिशत मूलनिवासी बहुजन समाज को हजारों साल से न केवल शैक्षणिक, सामाजाकि, धार्मिक, मानसिक बल्कि आर्थिक गुलाम बनाकर खुद को करोड़पति और शासक बनाया हुआ है। इस व्यवस्था को बदलने के लिए ही भारत मुक्ति मोर्चा ब्राह्मणों को भारत छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।

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