गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

मुझे रोकने के लिए ब्रह्मा के पास औकात नहीं है, ब्राह्मण क्या रोक लेगा-वामन मेश्राम

भारत मुक्ति मोर्चा से यूरेशियन ब्राह्मणों में खौफ
गुजरात में वामन मेश्राम को जान से मारने की ब्राह्मणों ने दी धमकी



दै.मू.ब्यूरो/अहमदाबाद
♦ यूरेशियन ब्राह्मणों होश में आ जाओ, यदि हम बदहोश हो गऐ तो तुम्हारी ऐसी की तैसी कर देंगे, हमें फिर से 01 जनवरी 1818 भीमा कोरेगांव का इतिहास दोहराने के लिए मजबूर मत करो-भारतीय विद्यार्थी मोर्चा
♦ दीन-ए-दस्तूर बचाने के लिए हम भारत मुक्ति मोर्चा को खुले रूप से समर्थन करते हैं और साथ देने के लिए ऐलान करते हैं। देश के मूलनिवासी मुस्लिमों का हित केवल भारत मुक्ति मोर्चा में है और यही संगठन मुस्लिमों के सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है-राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा 
♦ आज से शुरू हो रहा है भारत मुक्ति मोर्चा का नया इतिहास, कच्छ, भुज से आजादी का आंदोलन शुरू हो गया है। यदि ब्राह्मणों में औकात है तो हमारे नेतृत्वकर्ता वामन मेश्राम को रोक कर दिखाए, फिर देखें इसका अंजाम क्या होता है-बहुजन क्रांति मोर्चा
♦ अब सही वक्त आ गया है कि हम महिलाएं भारत मुक्ति मोर्चा के माध्यम से उन गुलामी को खत्म कर सकती हैं जिन ब्राह्मणवादी व्यवस्था में मनुस्मृति सहित तमाम बकवास धर्म ग्रंथों के सहारे हमें मानसिक, शारीरिक और शैक्षणिक गुलाम बनाकर रखा गया है-राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ
आज देश में यूरेशियन विदेशी ब्राह्मणों के अंदर कितना खौफ है। इसका अंदाजा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों से लगाया जा सकता है। उनके चहरे की झलक साफ गवाही दे रही है कि उनके अंदर यह खौफ किसी और से नहीं, बल्कि भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के डर से व्याप्त है। इसलिए गुजरात के यूरेशियन विदेशी ब्राह्मणों ने गुजरात में भारत मुक्ति मोर्चा का कार्यक्रम सफल न हो सके इसके लिए न केवल शासन प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, बल्कि वामन मेश्राम को देशद्रोही कहते हुए जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। विदेशी ब्राह्मणों के इस करतूत को देखते हुए भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि ‘मुझे रोकने के लिए यदि ब्राह्म को भी औतार लेना पड़े तो भी मुझे नहीं रोक सकता है, ब्राह्मा के पास मुझे रोकने की औकात नहीं है, ब्राह्मण मुझे क्या रोक लेगा। 
दैनिक मूलनिवासी नायक वरिष्ठ संवाददाता ने जानकारी देते हुए बताया कि 06 फरवरी 2018 को गुजरात के कच्छ भुज में भारत मुक्ति मोर्चा का एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है। अभी कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हुआ, इससे पहले ही गुजरात के यूरेशियन ब्राह्मणों में हलचल मच गई। इसका नजारा सोमवार 05 फरवरी 2018 को गुजरात के कच्छ भुज में उस वक्त देखने को मिला जब भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के आंदोलन को रोकने के लिए आरएसएस के साथ-साथ कच्छ भूदेव सेना, करणी सेना, ब्राह्मण मंडल, हिन्दू युवा संगठन, बजरंग दल, परशुराम सेना, विश्व हिन्दू परिषद जैसे ब्राह्मणों के कई सारे संगठनों और गुजरात के समस्त ब्राह्मणों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। गौरतलब है कि 06 फरवरी 2018 को गुजरात के कच्छ भुज में भारत मुक्ति मोर्चा का विशाल कार्यक्रम आयोजन होने वाला है। इस कार्यक्रम में एससी, एसटी, ओबीसी सहित मूलनिवासी मुस्लिम भाई लाखों की तादाद में शिरकत कर रहे हैं। इस विशाल कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम करने वाले हैं। गुजरात में भारत मुक्ति मोर्चा का कार्यक्रम न लगाया जाए, इसके लिए विदेशी ब्राह्मणों द्वारा राजपूतों को सामने किया गया है। 
इस विशाल कार्यक्रम को लेकर ब्राह्मणों द्वारा करीब दस-पंद्रह दिन पहले से ही सोशल मीडिया पर बामसेफ व बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं तो कुछ बामसेफ के कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगातार कुछ ना कुछ लिख व बोल रहे हैं। कुछ लोग फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपना विरोध जता रहे हैं। इस बात को लेकर ब्राह्मणों ने सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपते हुए गुजरात सरकार से मांग कर रहे हैं कि वामन मेश्राम को गुजरात में न आने दिया जाए। इसी के साथ विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर सिंह जडेजा द्वारा न केवल गाली दी जा रही है, बल्कि वामन मेश्राम को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इस बात को लेकर मूलनिवासी बहुजनों में आक्रोश फूट पड़ा है। आज हजारों संगठन भारत मुक्ति मोर्चा के समर्थन में खड़े हो चुके हैं।
आपको बताते चलें कि पिछले दो साल पहले भी यूरेशियन ब्राह्मणों द्वारा गुजरात में वामन मेश्राम को रोकने की कोशिश की गई थी। उस वक्त गुजरात में करीब 03 हजार ब्राह्मणों ने गुजरात में धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन सौंपा था और वामन मेश्राम को गुजरात में न आने की मांग की थी, मगर ब्राह्मणों के मंसूबे पर पानी फिर गया। अभी 01 जनवरी 2018 को पूना में भीमा कोरेगांव में भी ऐसा ही ब्राह्मणों द्वार किया गया था। भीमा कोरेगांव में 01 जनवरी को क्रांति दिवस के 200 साल पूरा होने के अवसर पर भारत मुक्ति मोर्चा द्वार विशाल महारैली का आयोजन किया गया था। इस विशाल महारैली को रोकने के लिए अखिल ब्राह्मण महासभा ने देशद्रोही घोषित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार से मांग करते हुए सरकार को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद भी भारत मुक्ति मोर्चा के विशाल महारैली को रोक पाना ब्राह्मणों के लिए चुनौती साबित हुआ। 
ब्राह्मणों द्वारा बार-बार ऐसी हरकत से यह साबित हो गया है कि भारत मुक्ति मोर्चा के आंदोलन से ब्राह्मणों में खौफ का माहौल साफ झलक रहा है। अब देश में ब्राह्मणों की खैर नहीं है। ब्राह्मणों को चारों तरफ खतरा ही खतरा नजर आने लगा है। क्योंकि वामन मेश्राम ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोध में आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन के पीछे यही कारण है कि यूरेशियन ब्राह्मण अपनी व्यवस्था में देश के 85 प्रतिशत मूलनिवासी बहुजनों को गुलाम बनाए हुए हैं। इसलिए इस व्यवस्था को खत्म करके ही बहुजनो को ब्राह्मणों की गुलामी से मुक्त कराया जा सकता है। यही कारण है कि यूरेशियन ब्राह्मण इस आंदोलन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

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