मंगलवार, 10 अक्तूबर 2017

जातिगत जनगणना


१)अगर जातिगत जनगणना हो जाती है तो यह पता चल जाएगा की किस जात की कितनी संख्या है ,और उसको उस अनुपात में आरक्षण द्वारा सरकारी नौकरी दे दी जायेगी ,ताकि सभी जातियों की बेरोजगारी दूर की जा सके !!
२)जातिगत जनगणना से यह जानकारी मिल जायेगी की कौन सी जात कितनी पढ़ी लिखी है और कौन से जात में कितने अनपढ़ है ताकि उन जातियों को विशेष रूप से एजुकेशन लेने के लिए प्रेरित किया जाय और उनकी अशिक्षा दूर की जा सके !!
३)जातिगत जनगणना से OBC की सही आबादी मालुम हो जायेगी ताकि बार बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बैठे ब्राह्मण यह न बोल सके की हमें ओबीसी की सही आबादी नहीं मालुम है इसलिए उनको रिजर्वेशन कितना दिया जाय यह हम नहीं कह सकते
4)जातिगत जनगणना से तह भी पता चल जाएगा की किस जातियों में कितने IAS IPS IRS IFS कितने टीचर कितने लेक्चरर कितने vice चांसलर है और कितने झाड़ू खाते में है कितने टेम्परेरी है कितने परमानेंट जॉब वाले है ताकि सारी असलियत सामने आ जाए की कौन सी जात का कब्ज्जा कहा है और कौन सी जात कहा कहा से गायब है !!

obc-population-india
५)जातिगत जनगणना से सबसे ज्यादा फायदा 52% से जयादा आबादी वाले ओबीसी को होगा क्योकि संख्या मालूम होने पर ही वो उसी अनुपात में भारत के बजट में अपनी भागीदारी माग पायेगा ,मतलब अगर 20 लाख करोड़ का बजट है तो उसके हिस्से में 11 लाख करोड़ रुपये आयेंगे
६)जातिगत जनगणना से यह भी पता चल जाएगा की कौन सी जातियों में महिलाए ज्यादा है और कौन सी जातियों में महिलाए कम है ,किस जात में बूढ़े ज्यादा है किस जात में बच्चे ज्यादा है ताकि उस हिसाब से कन्या भ्रूण ह्त्या ,बच्चो का कुपोषण रोका जा सके
7) जातिगत जनगणना में यह भी पता चल जाएगा की किस जात के पास पक्का मकान है और किस जात के लोग फुटपाथ पर सोकर जीवन बिता रहे है ताकि गरीब और पिछड़ी जातियों को पक्के मकानों का बंदोबस्त किया जा सके
८) जातिगत जनगणना में यह भी पता चल जाएगा की किस जात के पास कितनी खेती है कितनी प्रोपर्टी है और कौन सी जात भुखमरी से मर रही है ताकि उन जातियों की दशा सुधारने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जा सके
९)जातिगत जनगणना से सभी जातियों को आर्थिक सामाजिक भौगोलिक स्तिथि का सही आकलन हो पायेगा
१०) जातिगत जनगणना भारत में समानता स्थापित कर सभी लोगो को उनकी सभी प्राकृतिक और भौगोलिक संपदाओ में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करेगा !!
SC, ST और OBC क्या आप जानते है – इसी देश मे सन् 1932 के पहले आपको ही (जो भारत देश का मूल निवासी है ) मतदान करने का अधिकार नही था ! दोस्तों मतदान करने का अधिकार सिर्फ देश के नागरीक को होता है ! अर्थात हम इस देश के मूल निवासी होकर भी इस भारत देश के नागरीक नही थे ! सन १९१८ से लेकर १९३२ तक बाबासाहेब के १३ साल के अथक परीश्रम से भारतीय मूलनिवासी एस सी , एस टी , ओबीसी समाज को सामाजिक और राजनितिक प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ , मतदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ ! गौरतलब होकी अन्य समुदाय , जैसे की मुस्लिम – सिख- क्रिश्चन इनको १९०६ मे ही मतदान अधिकार , सामाजिक और राजनितिक अधिकार मिला था ! भारत देश मे आये विदेशी आर्य ब्राम्हण- मुस्लिम – क्रिश्चन इनको अधिकार था मतदान करने का , पर वही इसी देश के एस सी-एस टी – ओबीसी (जो भारत देश का मूल निवासी है ) उसे ही मतदान करने का अधिकार नही था ! लगातार १३ साल मनुवादी ताकतो से , ब्रिटिशो से , गाँधी से , काँग्रेस से , लड़ झगड़कर बहुत संघर्ष करके बाबासाहेब जी ने हमे , इस देश के मुल निवासीयो को , अंतत: १९३२ मे ‘भारतीय नागरीकता ‘ का , Indian Citizen का गौरव प्राप्त करके दिया !! अपने ही देश के जल- संसाधन , हवा , जमीन , जंगल पर हमारा अधिकार नही था ! हमे शिक्षा का अधिकार नही था ! एक भारतीय नागरीक होने से हमे यह सब संविधानिक अधिकार मिले है ! मेरे sc st obc nt vjnt bc sbc mbc maratha भाईयो , आज छाती फुला के , सर ऊँचा करके , तुम जो कहते हो ” हम सब भारतीय है , इस देश के निवासी है ” , यह कहने की ताकत , यह अधिकार , सिर्फ और सिर्फ बाबासाहेब और उनके लिखित संविधान की वजह से आपको मिला है । कोटी कोटी प्रणाम महामानव बाबासाहेब जी को ** आधुनिक मनु औलाद गाँधी , पूना पैक्ट समझौते मे हमसे हमारा यह सामाजिक अधिकार भी छीनना चाहता था , जो की बाबासाहेब जी ने होने नही दिया ! ” मूल निवासी sc st obc की Indian Citizenship की पहचान, अधिकार “, बाबासाहेब जी के अनेक उपलब्धियो मे से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है , जिसे अब भुनाना – गिनाना- प्रसार प्रचारीत करना होगा ! जय भीम जय मूलनिवासी मित्रो इस सचाई को देश के मूलनिवासी समाज के प्रत्येक सदस्य तक पहुचना हमारी जिम्मेदारी हे।

How 52% Obc can Kick Brahmins out of India

Who are OBC(other backward caste). Obc are same as Shudra(4th class) created from the feet of Brahman.Yadav,Ahir,verma,etc are OBC they have huge population(52%) in india but they are fooled by Brahmin that they are Hindu. Its time for Obc to destroy Brahmins Cult(Hindu Dharma) so that we can kick all brahminist invaders out of our country. Stop donating single rupee to Brahmin’s temple stop believing Brahmin’s tale. This is a great same that you have been created from the feet of Brahma..Convert to different religion and kick brahmin out of India. Have you ever seen Rss head brahmin Mohan Bhagwat saying against caste-system?No,they are using you to scare Muslim and dalit. But when you OBC will join with Muslim and Dalit,then brahmin will have no Power left because OBC are 52% in india. OBC are shudra.
funny-durga-sexy-hindu-007 funny-dog-sex-india-marriage-hindu3 babaji-nude-hindu-sexy-indian-godlook this Bhardwaj brahmin terrorist threatning indian constitution because he is thinking Hindus are majority.But if 52% shudra OBC stand up together and say that we dont believe in Brahmin’s Brahma and convert to different religion,then this brahmin Bhardwaj will run like a rat.Brahmin only 3% in india but all MP,ops,ias are brahmin.
अगर जो कोई भी “हिन्दू” यानी हरामखोर नही है तो निम्न चार तथ्यों में से एक तथ्य को इंडिया की दुर्दशा के लिए ज़िम्मेदार मान लेगा लेकिन शर्त है कि वो शख्स “हिन्दू” यानी कमीना ना हो:–नोट—-[१] एक कडुवा तथ्य “कानून या संविधान कितना भी अच्छा क्यूँ ना हो यदि उसे लागू करने वाला बेईमान -भ्रष्ट यानी जन्म आधारित मेरिट [योग्यता] जैसे किसी सिद्धांत यानी हिंदुत्व को मानने वाला उन सभी अच्छे से अच्छे कानून एवं संविधान को असफल कर देगा”….[२] संसदीय प्रणाली वाले सभी लोकतांत्रिक देशों में उस लोकतांत्रिक राष्ट्र के शासन-प्रशासन को लोकतांत्रिक तरीके से संचालन हेतु ४ खम्भे यानी {ऐ} विधायिका {बी} कार्यपालिका {सी} न्यायपालिका & {डी} मीडिया जैसे कुल ४ खम्भों की अनिवार्य आवश्यकता है, [१] —पहला तथ्य–>विधायिका= लोकतांत्रिक राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए जनहित को मुख्य बिंदु रखते हुए केवल & केवल “नीति-नियम-कानून बनाने का ही कार्य” के लिए जिम्मेदार है.[२] —दुसरा तथ्य–>कार्यपालिका= कार्यपालिका, विधायिकआ द्वारा बनाये सभी नीतियों, नियमों एवं कानून के प्रावधानों को संविधान के दायरे में एवं संविधान के प्रावधान अनुसार इसका कार्य केवल & केवल उन सभी नीतियों -नियमों व कानूनों का जनहित में इम्प्लीमेंटेशन इन्स्युर करती है.[३]—तीसरा तथ्य–> मीडिया= विधायिका के बनाये नियम-नीति -कानूनों का जनहित के कार्यों की हकीकत द्वारा लोकतांत्रिक राष्ट्र के सभी नागरिकों एक लोकतांत्रिक नागरिक होने का मजबूत एहसास दिलाते हुए केवल & केवल “वैचारिक =बौद्धिक स्तर” पर नागरिकों को अच्छे वोटर के रूप में जागरूक करने के साथ-2 उनके मनोरंजन का साधन भी प्रदान सुनिश्चित किये जाने हेतु उक्त सभी कार्यवाही को अपने-२ मीडिया की ताकत से मुसलमानों के खिलाफ भड़काने-उकसाने का कार्य करती है.
[४]—चौथा तथ्य–> न्यायपालिका= वकील, जजेज एवं पुलिस [जांच एजेंसिया] एक साथ मिलकर केवल & केवल “भ्रष्टाचार एवं अपराध के आरोपी” को भारतीय संविधान के प्रावधानो के तहत “न्याय” पूर्वक जजमेंट /आदेश सुनिश्चित करती है. उपरोक्त का निचोड़ “अपराध एवं भ्रष्टाचार” देश में अबाध गति से बढ़ता ही जा रहा है और बड़ा-२ & बड़ा से बड़ा भ्रष्टाचारी & खूंखार से खूंखार अपराधी पैसे के बदौलत बड़े-२ वकीलों को हायर करते हुए जांच एजेंसियों / पुलिसों को पैसा फेंकते हुए & जजेज को जुगाड़ टेक्नोलॉजी से सेट करते हुए उच्च न्यायपालिका से “क्लीन चिट” का सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेती है जैसे की १९९२ का मुंबई मुम्बई ब्लास्ट का “आरोपी/ अपराधी” इस देश के वकील, जज एवं पुलिस को सेट ना कर पाने के कारण न्यायपालिका के द्वारा वो देश का बड़े लम्बे अरसे से “डॉन” डेक्लेअर है, जबकि २००२ का एक गंभीर आरोपी, वकील, जजेज & पुलिस को को मैनेज करके आज देश का प्रधानमंत्री बना घूम रहा है.

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