बुधवार, 25 सितंबर 2019

डॉ0अम्बेडकर और कोलंबिया यूनिवर्सिटी



डा.अंबेडकर के जीवन के कई वक्ततव्य हैं, जो अनछुए से हैं। अनछुए नहीं भी हैं तो भी उनकी चर्चा प्रमुखता से कम ही हुई है। विदेश से पढ़ाई कर भारत लौटने के बाद शोषित समाज के उत्थान और देश निर्माण में उनकी भूमिका की चर्चा अक्सर की जाती है लेकिन उनके विश्वविद्यालयीय शिक्षा के बारे में चर्चा थोड़ी कम हो पाती है। हम 1913 से 1916 के उस दौर की बात कर रहे हैं, जो वक्त डा. अंबेडकर ने न्यूयार्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बिताया था। यह डॉ.अम्बेडकर और बड़ोदा नरेश सयाजी गायकवाड़ के बीच हुए उस करार से सम्भव हुआ जिसमें विदेश से पढ़ाई के बदले 10वर्षों तक रियासत की सेवा करने का करार हुआ था इसी अनुबंध के तहत अम्बेडकर का उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका जाना तय हुआ।

बीसवीं शताब्दी में डॉ0अम्बेडकर ऐसे प्रथम श्रेणी के राजनेताओं में पहले व्यक्ति थे, जिन्होने अमेरिका जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। जून 1916 में उन्होंने ‘नेशनल डिविडेन्ड इन इण्डिया ए हिस्टोरिक एण्ड ऐनेलेटिक स्टेडी’ पर शोध पूरा कर विश्व विद्यालय में जमा किया जिस के लिए डॉ. अंबेडकर को (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया था। अम्बेडकर की इस सफलता से प्रेरित होकर कला संकाय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने एक विशेष भोज देकर डॉ.अम्बेडकर का सम्मान किया था जो महान व्यक्ति अब्राहन लिंकन व वाशिंगटन की परम्परा का अनुसरण था। इस शोध प्रबंध में डॉ0 अम्बेडकर ने बिट्रिश सरकार द्वारा भारत के आर्थिक शोषण की एक नंगी तस्वीर दुनिया के सामने रखी जो एक ऐतिहासिक दस्तावेज है।

डॉ0अम्बेडकर द्वारा सामाजिक न्याय व समता के संबंध में भारतीय शोषित समाज को हक दिलाने वाले संविधान निर्माण की उपलब्धि से प्रभावित होकर कोलम्बिया विश्वविद्यालय न्यूयार्क, अमेरिका ने 05 जून 1952 को उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ लॉ’ की मानद उपाधि प्रदान की थी। सन् 1754 में स्थापित की गई कोलंबिया युनिवर्सिटी ने अपनी स्थापना के 250 साल पूरा होने पर सन् 2004 में अपने सौ ऐसे पूर्व छात्रों की एक लिस्ट जारी की, जिन्होंने दुनिया में महान कार्य किए और अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध रहे। यूनिवर्सिटी की सूची में डॉ. अंबेडकर को पहले स्थान पर रखा गया। इस सूची की खास बात यह हैं इसमें अमेरिका के 3 राष्ट्रपति सहित विश्व के 6 अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 40 नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के पहले न्यायाधीश सहित 8 अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, 22 से अधिक अमेरिकी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शामिल हैं। इसके अलावा इस सूची में कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विश्व के सर्वाधिक धनवान व्यक्ति वारेन बफेट एवं कई दार्शनिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता शामिल हैं। सूची में जो तीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, उनमें थियोडोर रूजवेल्ट, फ्रेंकलिन रूजवेल्ट और डेविड आसनहॉवर सहित जर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली, इथोपिया के राष्ट्रपति थॉमस हेनडिक, इटली के प्रधानमंत्री गियूलिनो अमाटो, अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल जहीर, चीनी प्रधानमंत्री तंगशोयी आदि शामिल हैं।

कोलंबिया युनिवर्सिटी में पूर्व छात्रों को सम्मानित करने के लिए एक स्मारक बनाया गया जिस पर इन 100 महान विभूतियों के नाम लिखे गये हैं इन सभी सम्मानित 100 पूर्व विद्यार्थियों के नामों को सही क्रम में लगाने के लिए वहां के विद्वानों की एक कमेटी बनाई गई उस कमेटी ने भारतीय संविधान के रचयिता तथा आधुनिक भारत के संस्थापक पितामह बाबा साहब डॉ0 बी. आर. अम्बेडकर का नाम सबसे ऊपर नं.- 1 पर रखा गया। इस स्मारक का अनावरण 10दिसंबर 2011 को विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति (20.01.2009 -20.01. 2017) व नोबल शांति पुरस्कार2009 विजेता बराक ओबामा ने किया था। यह स्मारक आज भी कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रांगण में शोभायमान है।

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