मोदी सरकार के 3 सालः पढ़िए वो 5 फैसले जिसने पूरे देश को किया
निराश!
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Friday, May 19, 2017-1:11 PM
नई दिल्लीः भारत में 3 साल पहले
ऐसी सरकार बनी जिसे पिछले 30 साल के भारतीय इतिहास में पहली बार पूर्ण बहुमत
प्राप्त हुआ। इसके बाद नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने। मोदी सरकार के 3
साल के इस सफर में अाज हम उन 5 फैसलों के बारे में बताएंगे जिनकी तारीफ ताे बहुत
हुई, लेकिन कहीं ना कहीं इनके नतीजाें ने जनता काे निराश किया। अाईए जानते हैं काैन
से है माेदी सरकार के वाे 5 फैसलेः-
1) मन की बातः-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आने के बाद जनता से सीधे संवाद करने के लिए भारत के सरकारी संवाद माध्यम ऑल इंडिया रेडियो का सहारा लिया और 'मन की बात' नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री महीने के किसी रविवार को आमतौर पर किसी विषय विशेष पर देश की जनता को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम से देश को क्या फायदा मिला है इसकी गणना करना किसी भी राजनीति शास्त्री के लिए बड़ी चुनौती है।
2) नोटबंदी:-
8 नवंबर 2016 की रात अचानक पीएम माेदी ने घोषणा कर दी कि देश में चल रहे 1000 और 500 रुपए के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। सरकार ने दावा किया कि इससे कालेधन और अातंकवाद पर लगाम लगेगी। लेकिन इससे जनता काे खासी परेशानी का सामना करना पड़ा और लाइन में लगे कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि इस फैसले के बाद कालेधन और अातंकवाद पर लगाम लगी है, यह कहना गलता हाेगा।
3) सर्जिकल स्ट्राइक:-
भारतीय सेना द्धारा पाक सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक काे अंजाम दिया गया। सरकार ने दावा किया कि सेना ने कई आतंकी ठिकानों काे ध्वस्त करने के साथ ही कई आतंकियों को भी मार गिराया। लेकिन इसके बाद भी अातंकी हमले नहीं रूके और अाम जनता के साथ-साथ कई भारतीय जवानाें काे निशाना बनाया गया।
4) पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति:-
भाजपा शुरू से ही पिछले 10 साल से सत्ता में रही यूपीए सरकार पर ये आरोप लगाती रही कि उसकी पाकिस्तान नीति पूरी तरह से विफल रही है। सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों की यात्राएं की और ये प्रचार किया गया कि इससे भारत पाकिस्तान को घेरने में कामयाब हुआ है। जबकि सच्चाई ये है कि चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक गलियारा बनाए जाने के मामले पर भारत के सभी पड़ोसी देशों ने चीन के पक्ष में खड़े होकर भारत को ही अलग-थलग कर दिया।
5) स्वच्छ भारत अभियान:-
2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की और वह खुद दिल्ली के एक थाने में झाड़ू लगाते देखे गए। इस अभियान का मकद था कि पूरे देश काे साफ और स्वच्छ बनाया जाए। लेकिन इसका भी कुछ खास असर नहीं हुअा। दिल्ली में श्रीश्री रविशंकर का यमुना के तट पर हुआ कार्यक्रम हो या मुंबई में जस्टिन बीबर का शो, इन सब के बाद जिस तरह की गंदगी सामने आई उसने सरकार के इस अभियान की पाेल खाेल दी
1) मन की बातः-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आने के बाद जनता से सीधे संवाद करने के लिए भारत के सरकारी संवाद माध्यम ऑल इंडिया रेडियो का सहारा लिया और 'मन की बात' नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री महीने के किसी रविवार को आमतौर पर किसी विषय विशेष पर देश की जनता को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम से देश को क्या फायदा मिला है इसकी गणना करना किसी भी राजनीति शास्त्री के लिए बड़ी चुनौती है।
2) नोटबंदी:-
8 नवंबर 2016 की रात अचानक पीएम माेदी ने घोषणा कर दी कि देश में चल रहे 1000 और 500 रुपए के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। सरकार ने दावा किया कि इससे कालेधन और अातंकवाद पर लगाम लगेगी। लेकिन इससे जनता काे खासी परेशानी का सामना करना पड़ा और लाइन में लगे कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि इस फैसले के बाद कालेधन और अातंकवाद पर लगाम लगी है, यह कहना गलता हाेगा।
3) सर्जिकल स्ट्राइक:-
भारतीय सेना द्धारा पाक सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक काे अंजाम दिया गया। सरकार ने दावा किया कि सेना ने कई आतंकी ठिकानों काे ध्वस्त करने के साथ ही कई आतंकियों को भी मार गिराया। लेकिन इसके बाद भी अातंकी हमले नहीं रूके और अाम जनता के साथ-साथ कई भारतीय जवानाें काे निशाना बनाया गया।
4) पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति:-
भाजपा शुरू से ही पिछले 10 साल से सत्ता में रही यूपीए सरकार पर ये आरोप लगाती रही कि उसकी पाकिस्तान नीति पूरी तरह से विफल रही है। सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों की यात्राएं की और ये प्रचार किया गया कि इससे भारत पाकिस्तान को घेरने में कामयाब हुआ है। जबकि सच्चाई ये है कि चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक गलियारा बनाए जाने के मामले पर भारत के सभी पड़ोसी देशों ने चीन के पक्ष में खड़े होकर भारत को ही अलग-थलग कर दिया।
5) स्वच्छ भारत अभियान:-
2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की और वह खुद दिल्ली के एक थाने में झाड़ू लगाते देखे गए। इस अभियान का मकद था कि पूरे देश काे साफ और स्वच्छ बनाया जाए। लेकिन इसका भी कुछ खास असर नहीं हुअा। दिल्ली में श्रीश्री रविशंकर का यमुना के तट पर हुआ कार्यक्रम हो या मुंबई में जस्टिन बीबर का शो, इन सब के बाद जिस तरह की गंदगी सामने आई उसने सरकार के इस अभियान की पाेल खाेल दी
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