SBI में नौकरी की चाह रखने वालों को झटका, पढ़ें
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Saturday, May 20, 2017-6:24 PM
नई
दिल्लीः अगर आप बैंक में नौकरी करना चाहते हैं तो यह खबर आपको थोड़ा निराश कर सकती
है। सहयोगी बैंकों के विलय के बाद देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एस.बी.आई. ने
नई भर्तियों की संख्या कम करने का फैसला लिया है। इसकी वजह यह है कि उसके पास
फिलहाल सहयोगी बैंकों से आए एंप्लॉयीज को ही समाहित करने का दबाव है।
तिमाही नतीजों के बाद एस.बी.आई. की चेयरपर्सन अरुंधति
भट्टाचार्य ने कहा, 'मैं नहीं मानती कि हम बहुत ज्यादा रिक्रूटमेंट करने जा रहे
हैं। क्लर्कों की बात की जाए तो इसमें किसी भी तरह की भर्ती नहीं होने वाली हैं।
वहीं, अधिकारियों की बात की जाए तो साल के अंत तक कुछ लोगों को हायर किया जा सकता
है।'
भट्टाचार्य ने बताया...आपको बता दें कि इसी
साल की शुरूआत में एस.बी.आई. ने प्रोबेशन पर 2,313 पीओ के पद निकाले थे। अब भी
बैंक ने अपनी वैबसाइट पर जूनियर असोसिएट्स और पीओ की भर्ती के विज्ञापन जारी कर
रखे हैं। भट्टाचार्य ने एक न्यूज वैबसाइट से बातचीत में कहा, 'असोसिएट बैंकों के
विलय के चलते हमारे पास पहले ही एंप्लॉयीज का ओवरफ्लो है। इन्हें साल के अंत तक
अजस्ट किया जाएगा। इसके अलावा करीब 13,000 लोग रिटायर होंगे और 3,600 वीआरएस ले
सकते हैं।' अप्रैल, 2016 से मार्च 2017 के दौरान एस.बी.आई. ने 13,097 एंप्लॉयीज की
भर्ती की थी, जबकि इस दौरान 11,264 लोग रिटायर हुए।
इन बैंकों का हुआ था
विलय
1
अप्रैल, 2017 को एस.बी.आई. के सहयोगी बैंकों स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर,
स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट
बैंक ऑफ त्रावणकोर का उसमें विलय हो गया था। इसके अलावा भारतीय महिला बैंक का भी
एसबीआई में विलय हुआ है। विलय के बाद असोसिएट्स बैंकों के 70,000 एंप्लॉयीज और
भारतीय महिला बैंक की एंप्लॉयीज स्टेट बैंक के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं।
इनमें 3,600 लोग वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं यानी करीब 66,400 लोग एस.बी.आई.
से जुड़े हैं।
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