ब्रिटिश संस्था ने हिंदू संगठन से कहा, आरएसएस से दूरी बनाआे
लंदन: ब्रिटेन में परमार्थ संगठनों पर निगरानी रखने वाली एक संस्था ने आज यहां के एक हिंदू परमार्थ संगठन से कहा कि वह आरएसएस से दूरी बनाकर रखे क्योंकि एक स्टिंग ऑपरेशन में पाया गया कि इस दक्षिणपंथी समूह से औपचारिक संबंध रखने वाले एक वक्ता ने एक शिविर में मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ टिप्पणी की थी ।
परमार्थ आयोग(चैरिटी कमिशन)ने हिंदू स्वयंसेवक संघ(एचएसएस-यूके) की जांच संबंधित रिपोर्ट के तहत यह चेतावनी दी है । दरअसल, एक टेलीविजन चैनल की खोजी पत्रकारिता से पता चला था कि इस समूह के एक शिविर में एक वक्ता ने मुस्लिम और ईसाई विरोधी बातें कीं । यह आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि वक्ता की प्रभावी निगरानी में नाकाम रहते हुए इस परमार्थ संगठन के प्रशासन ने ‘कुप्रबंधन’ किया, हालांकि ‘यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि वक्ता ने जो विचार व्यक्त किए वो स्थानिक या व्यस्थागत थे ।’
आयोग की रिपोर्ट ‘इंक्वायरी रिपोर्ट( हिंदू स्वयंसेवक संघ’ में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के साथ औपचारिक संबंध वाले वक्ता की आेर से की गई टिप्पणियों के अलावा कोई सबूत नहीं है । बहरहाल,जांच में न्यासियों को सलाह दी गई है कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिसक्रिय कदम उठाने की जरूरत है कि आरएसएस का इस परमार्थ संगठन एवं इसके कामकाज पर कोई नियंत्रण या प्रभाव नहीं हो ।’
परमार्थ आयोग(चैरिटी कमिशन)ने हिंदू स्वयंसेवक संघ(एचएसएस-यूके) की जांच संबंधित रिपोर्ट के तहत यह चेतावनी दी है । दरअसल, एक टेलीविजन चैनल की खोजी पत्रकारिता से पता चला था कि इस समूह के एक शिविर में एक वक्ता ने मुस्लिम और ईसाई विरोधी बातें कीं । यह आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि वक्ता की प्रभावी निगरानी में नाकाम रहते हुए इस परमार्थ संगठन के प्रशासन ने ‘कुप्रबंधन’ किया, हालांकि ‘यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि वक्ता ने जो विचार व्यक्त किए वो स्थानिक या व्यस्थागत थे ।’
आयोग की रिपोर्ट ‘इंक्वायरी रिपोर्ट( हिंदू स्वयंसेवक संघ’ में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के साथ औपचारिक संबंध वाले वक्ता की आेर से की गई टिप्पणियों के अलावा कोई सबूत नहीं है । बहरहाल,जांच में न्यासियों को सलाह दी गई है कि यह सुनिश्चित करने के लिए अतिसक्रिय कदम उठाने की जरूरत है कि आरएसएस का इस परमार्थ संगठन एवं इसके कामकाज पर कोई नियंत्रण या प्रभाव नहीं हो ।’
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