जब तक अकबर, बाबर और उनकी औलादें जिंदा थी तब तक राम पैदा नही हुए।
जब तक अकबर, बाबर और उनकी औलाद जिंदा थी न राम पैदा हुए थे ( विवादित राम ) न कोई जानता था रामजन्मभूमी कहाँ है और न ही हिंदू मुस्लिम में कोई झगड़ा दुशमनी थी न हिंदुओं की हत्या हुई थी और न ही जबरन धर्म परिवर्तन हुआ था।
क्यूँ आप को पता है ? नहीं न वह इस लिए कि तब तक ब्राह्मण, और ऊँची जाति के हिंदू लोग मुस्लिम राजा महाराजाओं के यहाँ अपनी बेटी ब्याहते थे और बाबर, अकबर, शाहजहाँ और औरंगजेब को अपनी बेटियाँ देते थे अपना दामाद बनाते थे और खूब रिश्तेदारी का मजा उड़ाते थे लेकिन जैसे ही मुग़लों की हुकूमत खत्म हुई राम भी पैदा हुए और राम अयोध्या में पैदा हुए यह भी पता चल गया और राम अयोध्या में बाबरी मस्जिद में पैदा हुए यहाँ तक कि बीच मस्जिद में पैदा हुए यह भी पता चल गया है ना मजे की बात।
आईए देखते हैं यह सब कैसे हुआ आखिर ब्राह्मण और ऊँची जाति के इन दोगलों को यह सब कैसे मालूम हुआ बात दरअसल यह है कि इन ऊँची जाति वालों को बैठ बैठ कर हराम खाने की आदत है पहले मुगलों और मुस्लिम राजा महाराजाओं के यहाँ रिशतेदारी करके सत्ता का सुख लेते थे ऐश व आराम की जिंदगी गुजारते थे जब वह गए तो अंग्रेजी और ब्रिटिश सरकार के लिए देशवासियों के खिलाफ जासूसी करते अंग्रेज़ों के लिए मुख्बिरी का काम करके अंग्रेज़ों के टुकड़ों पर पलते थे ऐश करते थे लेकिन जब अंग्रेज़ भी चले गए और देशवासियों की कुर्बानी की वजह से देश आजाद होकर लोकतांत्रिक देश बना जिसमें सब बराबर होने चाहिए यानी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई ऊँची जाति नीची जाति तो अब ब्राह्मण के मजे होना मुश्किल है बैठे बिठाए हराम कैसे खा सकते हैं ?
तब इन ब्राह्मणों ने हमेशा के लिए हराम खाने का एक रास्ता ढूंढ लिया वह है देश को हिंदू मुस्लिम नफरत में बदल दो और और इस के लिए एक मुद्दा ऐसा उठाया जिसमें नीची जाति के लोग भी मूर्ख बनकर इन ब्राह्मणों और ऊँची जाति के के हराम की रोटी रोजी के इंतजाम में इनका साथ दे देंगे वह है राम, राम मंदिर, गाय, गंगा, हिंदू मुस्लिम धर्म, सारा देश इसी में उलझा है उलझा रहेगा और यह ऊँची जाति के ब्राह्मण,ठाकुर, और राजपूत आराम से बैठ कर हराम की रोटी खाएँगे और आम देशवासी धर्म के नाम पर लड़ते रहेंगे।
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