शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

05 अक्टूबर : महाप्राण स्मृति दिन




अंतरिम सरकार में भारत के द्वितीय कानून मंत्री महाप्राण बैरिस्टर जोगेन्द्र नाथ मंडल जी (29 जनवरी 1904- 05अक्टूबर 1968) शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन (बाबा साहेब की पार्टी) के बंगाल प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष थे। वे बंगाल में एससीएफ के एकमात्र विधायक थे जो बारीसाल से निर्वाचित हुए थे तथा हुसैन शहीद सोहरावर्दी (जो बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी बने) की प्रांतीय सरकार में कानून एवं श्रम मंत्री थे। जब 02सितंबर 1946 को भारत की अंतरिम सरकार का गठन हुआ और नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया तो उसमें सैय्यद अली जहीर को कानून मंत्री बनाया गया था किन्तु नेहरू सरकार में 26अक्टूबर 1946 को जब मुस्लिम लीग शामिल हुई तो मुस्लिम लीग के पांच लोगों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला, तब उन पांच लोगों में से एक महाप्राण बैरिस्टर जोगेन्द्र नाथ मंडल जी भी थे जिन्हें कानूनमंत्री बनाया गया और तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड वेवेल द्वारा शपथ दिलाई गयी थी। 15अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत की सरकार का गठन किया गया जिसमें नेहरू को पुनः प्रधानमंत्री तथा अन्य मंत्रियों सहित बाबा साहब डॉ0 अम्बेडकर को कानून मंत्री बनाया गया और शपथ तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटेन द्वारा दिलाई गयी थी। विभाजन के समय मोहम्मद अली जिन्नाह के कहने पर मंडल जी पाकिस्तान चले गये जहाँ वे पाकिस्तान संविधान सभा के सदस्य व अस्थायी अध्यक्ष तथा कानून मंत्री भी बने। जिन्नाह पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने वहीं लियाकत अली खान प्रथम प्रधानमंत्री (14अगस्त 1947- 16अक्टूबर 1951) बने। किन्तु 11सितंबर 1948 को जिन्नाह की मृत्यु के बाद ख्वाजा नजीमुद्दीन गवर्नर जनरल बने। ख्वाजा नजीमुद्दीन व लियाकत अली खान से उपेक्षित किये जाने पर अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति होते हुए न देखकर मंडल जी ने 08अक्टूबर 1950 को सभी पदों से इस्तीफा देकर भारत चले आये और फिर कभी पाकिस्तान नहीं गये। विदित हो कि लियाकत अली खान भारत की अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री एवं ख्वाजा नजीमुद्दीन बंगाल के मुख्यमंत्री रह चुके थे। इस प्रकार भारत का संविधान बाबासाहेब डॉ0 अम्बेडकर ने लिखा वहीं पाकिस्तान का संविधान महाप्राण बैरिस्टर जोगेन्द्र नाथ मंडल ने लिखा। यह कहा जाय कि यदि मंडल जी न होते तो शायद बाबासाहेब भी 

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