गुरुवार, 1 अगस्त 2019

भाजपा हुई मालामाल: भाजपा की कुल संपत्ति 1483 करोड़ से ज्यादाः एडीआर रिपोर्ट



2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में जैसे भाजपा ने ईवीएम में घोटाला करके अच्छा प्रदर्शन किया और ईवीएम से संबंधित मामलों में गुप्त समझौत के अनुसार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. ठीक यही स्थिति दोनों दलों की संपत्तियों में भी देखी जा सकती है. एडीआर रिपोर्ट के अनुसार सत्तारुढ़ भाजपा देश की सबसे अमीर ब्राह्मणों पार्टी बन चुकी है. जबकि, कांग्रेस की संपत्ति में कुछ कमी आई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा अपनी सालाना रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें, 2016-17 से 2017-18 के बीच 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों की पाँच राष्ट्रीय दलों में भाजपा सबसे अमीर पार्टी बन गयी है. 

रिपोर्ट के अनुसार भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, बसपा, सीपीआई, सीपीएम और एआईटीसी) द्वारा घोषित संपत्ति, देनदारियों की जानकारी दी गई है. एडीआर हर वर्ष राष्ट्रीय दलों की संपत्ति को लेकर रिपोर्ट जारी करता है. इस बार एडीआर द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में राष्ट्रीय दलों की संपत्ति में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में सातों राष्ट्रीय दलों की कुल औसत संपत्ति 465.83 करोड़ थी जो वित्तीय वर्ष 2017-18 तक बढ़कर 493.81 करोड़ हो गई. सत्तारुढ़ भाजपा की कुल संपत्ति सबसे अधिक हैं और साथ ही पार्टी की कुल संपत्ति में 22.27 फीसदी की बढ़त हुई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान भाजपा की कुल संपत्ति 1213.13 करोड़ रुपये थी जो वित्तीय वर्ष 2017-18 में बढ़कर 1483.35 करोड़ रुपये हो गई है. 

राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित वार्षिक संपत्ति में केवल कांग्रेस और राकांपा की संपत्ति में कमी देखी गई. कांग्रेस की संपत्ति वित्तीय वर्ष 2016-17 में 854.75 करोड़ रुपये थी वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 में यह घटकर 724.35 करोड़ रुपये हो गई. कांग्रेस की संपत्ति में 15.26 फीसदी गिरावट देखी गई है. वहीं दूसरी तरफ राकांपा की संपत्ति वित्तीय वर्ष 2016-17 में 11.41 करोड़ रुपये थी जो वित्तीय वर्ष 2017-18 में 16.39 फीसदी घटकर 9.54 करोड़ रुपये हो गई. इसी तरह तृणमूल कांग्रेस भले लोकसभा चुनावों में उम्मीद से ज्यादा प्रदर्शन नहीं कर पाई हो, लेकिन उसकी संपत्ति पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान तृणमूल कांग्रेस की कुल संपत्ति 26.25 करोड़ रुपये थी जो वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10.86 फीसदी बढ़कर 29.10 करोड़ रुपये हो गई है.

राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित देनदारियाँ कुल 514.99 करोड़ रुपये थी, जो प्रति दल औसत 73.57 करोड़ रुपये हो रही थी. कांग्रेस की देनदारी सबसे अधिक 461.73 करोड़ थी, जबकि भाजपा की 20.03 करोड़ थी. वित्तीय वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक देनदारी कांग्रेस ने घोषित किया है जिसके ऊपर 324.20 करोड़ रुपये की देनदारी है. इसके बाद भाजपा ने 21.38 करोड़ रुपये और तृणमूल कांग्रेस ने 10.65 करोड़ रुपये की देनदारी अपने वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में घोषित किया है.

वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 के बीच, चार राष्ट्रीय दलों ने अपनी देनदारियों में कमी घोषित की है जिसमें कांग्रेस ने 137.53 करोड़ रुपये की कमी, सीपीएम ने 3.02 करोड़ रुपये की कमी, राकांपा ने 1.34 करोड़ रुपये की कमी और तृणमूल कांग्रेस ने 55 लाख रुपये की कमी देनदारियों में घोषित की है. भाजपा, सीपीआई और बीएसपी ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए अपने देनदारियों की राशि में वृद्धि घोषित की है. 

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