गुरुवार, 1 अगस्त 2019

लाखों पद खाली फिर भी युवा बेरोजगार


केन्द्र सरकार में 07 लाख और रेलवे में 2.6 लाख से ज्यादा पद खाली, देश भर में पुलिस बलों के 5.28 लाख पद रिक्त
 

भारत में नौकरियों की रत्तीभर भी कमी नहीं है, बल्कि नौकरियों की भरमार है. इसके बाद भी देश में बेरोजगारों की पूरी फौज खड़ी हो चुकी है. जहाँ एक तरफ केन्द्र से लेकर राज्य की सरकारें नौकरियों की बात करती हैं तो वहीं दूसरी तरफ भर्तियों को रोक लगा रखी हैं. बात यदि सभी क्षेत्रों में नौकरियों की करें तो भारत में सरकारी और अर्धसरकारी क्षेत्रों में लगभग 02 करोड़ से ज्यादा नौकरियाँ हैं. अगर केन्द्र सरकार में खाली पदों की बात करें तो केवल केन्द्र सरकार में 07 लाख से ज्यादा और रेलवे में 2.6 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इसके बाद भी सरकारें खाली पदों को नहीं भर रही हैं. यही नहीं सरकारों द्वारा नई भर्तियाँ कराना तो दूर लंबे अरसों से खाली पड़े इन पदों को भी खत्म कर रही हैं. 

गृहमंत्रालय के अनुसार देश भर में केवल पुलिस के कुल 5.28 लाख पद रिक्त हैं. जिनमे से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में तकरीबन 1.29 लाख पद खाली हैं. हैरान करने वाला बात तो यह है कि उत्तर प्रदेश में केवल पुलिस में 1.29 लाख पद खाली हैं. इसके बावजूद भी योगी सरकार उत्तर प्रदेश में 93 सरकारी विभागों में से 49 विभागों को खत्म करने का फरमान जारी कर दिया है. इसके साथ ही बिहार में 50,000 पद और पश्चिम बंगाल में 49,000 पद रिक्त हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सभी राज्यों के पुलिस बलों में 23,79,728 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से सरकार का दावा है कि 18,51,332 पदों को एक जनवरी, 2018 तक भर लिया गया था. 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस तारीख तक कुल 5,28,396 पद खाली पड़े थे. उत्तर प्रदेश में पुलिस बल में अनुमोदित पदों की संख्या 4,14,492 है. इनमें से 2,85,540 पद भरे हुए और 1,28,952 पद रिक्त हैं. बिहार में 1,28,286 स्वीकृत पदों में से 77,995 पदों पर कर्मी कार्यरत हैं और यहाँ 50,291 पद खाली हैं. वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस में ऐसी स्वीकृत संख्या 1,40,904 है और यहाँ 48,981 रिक्त पद हैं. इसी तरह से तेलंगाना में भी 30,345 रिक्त पद हैं जबकि यहाँ 76,407 पद स्वीकृत हैं.

अगर महाराष्ट्र की बात करें तो महाराष्ट्र में 26,195 पद रिक्त हैं. जबकि, यहां 2,40,224 पुलिस कर्मियों के पद स्वीकृत हैं और मध्यप्रदेश में 1,15,731 स्वीकृत पदों में कुल रिक्तियाँ 22,355 हैं. इसके अलावा तमिलनाडु पुलिस में 1,24,130 स्वीकृत पदों के बरक्स 22,420 पद खाली हैं. साथ ही कर्नाटक पुलिस में 1,00,243 स्वीकृत पदों में से 21,943 पदों पर नियुक्ति होनी बाकी है. यही नहीं गुजरात पुलिस की कुल 1,09,337 और झारखंड पुलिस की कुल 79,950 स्वीकृत संख्या में रिक्तियाँ क्रमशः 21,070 और 18,931 हैं. इसके बाद राजस्थान में 1,06,232 स्वीकृत पदों में से 18,003 पद खाली हैं. आंध्र प्रदेश पुलिस में, 72,176 पदों में से, 17,933 पद खाली हैं, जबकि हरियाणा में 61,346 पदों की स्वीकृत संख्या में से 16,844 पद खाली हैं. यही हाल नक्सल प्रभावित इलाकों की है. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में स्वीकृत 71,606 पुलिस पदों में 11,916 पद खाली हैं. ओडिशा पुलिस के पास 66,973 स्वीकृत पद हैं और यहाँ खाली रिक्तियों की संख्या 10,322 है. वहीं उग्रवाद प्रभावित असम में 65,987 स्वीकृत पदों में से 11,452 रिक्त पद हैं, जबकि जम्मू और कश्मीर में 87,882 स्वीकृत पदों में 10,044 पद रिक्त हैं.

दिलचस्प बात यह है कि नागालैंड पुलिस देश की एकमात्र ऐसा बल है जहाँ 21,292 पदों की स्वीकृत संख्या से 941 अधिक कर्मियों को भर्ती किया गया है. अधिकारियों ने बड़ी संख्या में पद रिक्त होने के लिए धीमी भर्ती प्रक्रिया, सेवानिवृत्ति और असामयिक मृत्यु जैसे कारणों को जिम्मेदार ठहराया है. यदि देखा जाय तो रिक्त पद खाली होने का कारण अधिकारी कम सरकारें ज्यादा हैं. क्योंकि सरकार ही नहीं चाह रही है कि देश से बेरोजगारी को खत्म करके गरीबी और भुखमरी को खत्म किया जाय, इसलिए सरकारें बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी को खत्म करने के बजाय नौकरियों को ही खत्म कर रही हैं.
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)

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