6 पार्टियों की मान्यता रद कर सकता है चुनाव आयोग
ईवीएम मशीन वोट के साथ क्षेत्रिय पार्टियों को भी खत्म कर रही है: वामन मेश्राम
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)
‘‘ईवीएम मशीन न केवल जनता के वोट देने के मौलिक अधिकार को खत्म कर रही है, बल्कि क्षेत्रिय राजनीतिक पार्टियों को भी खत्म करने का काम कर रही है. अगर, क्षेत्रिय पार्टियाँ ईवीएम के खिलाफ आंदोलन नहीं किया तो बहुत जल्द ही उनकी पार्टियाँ खत्म हो जायेंगी: वामन मेश्राम’’
आखिरकार जो बात बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम लगातार कहते आ रहे हैं वह बात सच साबित होने लगी हैं. वामन मेश्राम ईवीएम घोटाले को लेकर कई सालों से देशभर की राज्यस्तीय राजनीतिक पार्टियों को आगाह करते आ रहे हैं कि ईवीएम न केवल जनता के वोट देने वाले मौलिक अधिकार को खत्म कर रही है, बल्कि क्षेत्रिय राजनीतिक पार्टियों को भी खत्म करने का काम कर रही है. वामन मेश्राम ने यहाँ तक कहा था कि अगर जल्द क्षेत्रिय पार्टियाँ ईवीएम के खिलाफ आंदोलन नहीं किया तो बहुत जल्द ही उनकी पार्टियाँ खत्म हो जायेंगी. आज वही बात सामने आ गयी है.
3 राष्ट्रीय पार्टियों के बाद अब 6 राज्यों में 6 राज्य स्तरीय पार्टियों की मान्यता खतरे में आ चुकी है. इनमें अजीत सिंह की आरएलडी और अंबुमणि रामदास की पीएमके भी शामिल है. दरअसल 6 पार्टियों ने राज्यस्तरीय पार्टी होने के लिये आवश्यक 5 शर्तों में से किसी भी शर्त को पूरा नहीं किया. इस कारण आरएलडी, आरएसपी, टीआरएस (आन्ध्र प्रदेश में), मिजोरम की मिजोरम पीपुल्स काॅन्फ्रेंस, तमिलनाडु की पीएमके और नार्थ ईस्ट की पीडीए की मान्यता पर खतरा मंडराने लगा है.
चुनाव आयोग कभी भी इन पार्टियों की मान्यता रद्द कर सकता है. हालांकि, सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चुनाव आयोग सभी 6 पार्टियों को सुनवाई का आखिरी मौका देगी. इससे पहले चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में सभी पार्टियों ने आयोग से गुहार लगाई हैं की मान्यता खत्म न की जाए.
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