गुरुवार, 1 अगस्त 2019

आवाज़ कब सुनेगी गूंगी, बहरी सरकार? क्या पीड़िता को न्याय मिल सकेगा या न्याय की हार और अन्याय की जीत हो जायेगी?



‘‘जिनकी गोद में कभीबेटियाँ नहीं खेली उसने ही ‘‘बेटी बचाओ’’ का नारा दिया. मगर, यह बात कोई नहीं जान सका कि वह नारा था या चेतावनी? मगर, आज यह बात बहुत अच्छी तरह से समझ में आ चुकी है कि वो नारा नहीं, भारतीय जनता पार्टी से बेटियाँ बचाने की चेतावनी थी’’ 




उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बीते 28 जुलाई को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल बलात्कार पीड़िता की हालत नाज़ुक बनी हुई है. इधर, पीड़िता के परिजन परिजनो ने मंगलवार को उनके चाचा की परोल की मांग को लेकर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की, उनकी चाची पुष्पा और मौसी शीला अपने वकील महेंद्र सिंह के साथ 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा महेश सिंह से मुलाकात करने जा रही थीं. इधर बाहुबली विधायक ने प्लान बनाकर रास्ते में ही रायबरेली के गुरबख्शगंज क्षेत्र में उनकी कार को ट्रक से रौंदवा दिया. जिसमें पीड़िता की की मौसी शीला (50) ने स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया था. वहीं चाची पुष्पा (45) को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था. इस दुर्घटना में घायल पीड़ित और उनके वकील महेंद्र सिंह की हालत बेहद नाज़ुक है और वे लखनऊ स्थित केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गए हैं.


वहीं धरने पर बैठे परिजन की मांग है कि लड़की के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से परोल पर छोड़ा जाए, ताकि वह रायबरेली के गुरुबक्शगंज में ट्रक से हुई टक्कर में मारी गईं अपनी पत्नी पुष्पा और साली शीला के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके. हादसे में घायल बलात्कार पीड़िता की बहन का आरोप है कि विधायक सेंगर के रसूख की वजह से ही उसके चाचा महेश को परोल नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि जब तक परोल नहीं मिलेगी, तब तक पुष्पा और शीला का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. इस दुर्घटना के संबंध में बीते सोमवार को भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर समेत दस नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश), 506 (डराने धमकाने), 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया रायबरेली के गुरुबक्शगंज थाने में पीड़िता के चाचा महेश सिंह की तहरीर पर सेंगर और उनके भाई सहित अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और साजिश रचने के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है.

महेश सिंह ने तहरीर में आरोप लगाया है कि जेल में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर अपने साथियों के नंबर पर फोन मिलाकर उनके घर पर जबरन बात किया करते थे और धमकी देते थे कि अगर जिंदा रहना है तो सारे मुकदमों में बयान बदल दो. मालूम हो कि इस बलात्कार मामले में उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं. उन्हें पिछले साल 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह और उनके भाई अतुल सेंगर जेल में बंद हैं. युवती का आरोप है कि साल 2017 में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उनका अपहरण कर उनके साथ बलात्कार किया था. पिछले साल उन्नाव बलात्कार मामला राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आया था जब बलात्कार पीड़िता और उनकी माँ ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी. इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत हिरासत में लिया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई थी.

इसके साथ ही पिछले साल इस मामले के एक गवाह की कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई है. मृतक का नाम यूनुस था और बलात्कार पीड़िता के चाचा के मुताबिक यूनुस पीड़िता के पिता को भाजपा विधायक के भाई तथा अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटा जाने का गवाह था. इस संबंध में पीड़ित लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि यूनुस के शव को पोस्टमॉर्टम कराए बगैर दफना दिया गया. उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके. यूपी पुलिस द्वारा भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का बचाव करने के आरोपों के बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने मामले में तीन प्राथमिकियाँ दर्ज की हैं. ये मामले किशोरी के बलात्कार, उसके पिता की हत्या तथा किशोरी के पिता पर हथियार अधिनियम के तहत दर्ज मामला जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, से जुड़े हुए हैं.

बता दें कि मालूम हो कि जिस ट्रक से टक्कर हुई उसका नंबर यूपी 71 एटी 8300 है और नंबर प्लेट ट्रक के आगे और पीछे दोनों तरफ लगे हुए हैं. हालांकि दोनों तरफ के नंबर प्लेटों पर ग्रीस पोता गया था, ताकि नंबर न दिख सके. इसके अलावा पीड़िता को मिले सुरक्षाकर्मी भी हादसे के वक्त उनके साथ नहीं थे. चौंकाने वाले खबर यह भी है कि जो पीड़िता का सुरक्षागार्ड था वहीं पीड़िता के बारे में सारी जानकारी विधायक को मुहैया कराता था. इन तथ्यों को देखते हुए हादसे की परिस्थितियों को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उससे साबित होता है कि विधायक सेंगर ने प्लान बनाकर पीड़िता की हत्या करने की कोशिश की है. दूसरा सवाल यह है कि क्या पीड़िता को न्याय मिल सकेगा या न्याय की हार और अन्याय की जीत हो जायेगी? 

इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, आखिर परिवार का क्या गुनाह है? सरकार को उसकी मांगें माननी चाहिए. क्या सरकार एक बेटी को न्याय नहीं दिला सकती? अगर पीड़िता और उसके वकील की मौत हुई तो कौन जिम्मेदार होगा? इस घटना के लिये भाजपा सरकार ही जिम्मेदार है. वहीं मायावती ने ट्वीट कर कहा, स्थानीय भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक से मिलना, यह प्रमाणित करता है कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को लगातार सत्ताधारी भाजपा का संरक्षण मिल रहा है. यह इंसाफ का गला घोंटने जैसा है.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीड़िता से लखनऊ स्थित अस्पताल में मुलाकात की. मालीवाल ने एक ट्वीट कर कहा है, मैं उन्नाव पीड़िता, वकील और डॉक्टर से मिली. डॉक्टर ने बताया है कि लड़की और वकील की स्थिति बहुत नाजुक है और बचने के आसार कम हैं. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, योगी आदित्यनाथ सरकार से अब तक परिवार से मिलने के लिए कोई नहीं आया. डीजीपी कह रहे हैं कि यह दुर्घटना थी. योगी आदित्यनाथ जी अस्पताल आकर देखिए. कुलदीप सेंगर की विधायकी छीनी जानी चाहिए. मामला उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और 15 दिन के अंदर सेंगर को फांसी दी जानी चाहिए. आज वह बच गया तो देशभर की निर्भया हताश हो जाएंगी.
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)

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