शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

हम दुनिया में इंसाफ कायम करने के लिए एकता निर्माण करना चाहते हैं : वामन मेश्राम


सोलापुर में राष्ट्रीय क्रिश्चन मोर्चा का विशाल जनसभा 
हम दुनिया में इंसाफ कायम करने के लिए एकता निर्माण करना चाहते हैं : वामन मेश्राम
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)

हमें हथियारों की नहीं, एकता की जरूरत है. हमें एससी, एसटी, ओबीसी, मायनारिटी, क्रिश्चन, बौद्ध, जैन और लिंगायतों में एकता कायम करने की जरूर है. अगर, हमारी ताकत और आपकी ताकत मिल जाये तो सबसे बड़ी ताकत हो जायेगी. मूलनिवासी बहुजनों में एकता कायम करो, अपने अधिकार और इंसाफ के लिए लड़ो. यह बात बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम ने 29 अगस्त 2019 को महाराष्ट्र के सोलापुर में राष्ट्रीय क्रिश्चन मोर्चा के विशाल सभा को संबोधित करते हुए कही. 

वामन मेश्राम ने संबोधन में कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ. संविधान लागू होते ही सभी वर्ग, समूह और धर्म के लोगों को बराबरी का अधिकार मिला. लेकिन, संविधान में अधिकार होने के बाद भी हमें नहीं दिया गया. आज की तरीख में सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से क्रिश्चनों का धार्मिक संगठन है, क्या कोई सामाजिक संगठन है? क्रिश्चनों का धार्मिक संगठन है, क्या राजनीतिक संगठन है? क्रिश्चन धर्म के मानने वाले लोगों ने अपना भविष्य दूसरों के ऊपर (कांग्रेस) छोड़ दिया. आप भी अपना सामाजिक और राजनीतिक संगठन बनाकर अपने भविष्य का खुद फैसला कर सकते हैं. 

आगे वामन मेश्राम ने कहा कि जो बड़े-बड़े देशों में क्रिश्चनों की कम्यूनिटी है उनके ऊपर आप लोगों ने अपने भविष्य का फैसला करने के लिए छोड़ दिया. जबकि, आप भारत में रहते हैं और आपकी समस्या भारत में निर्माण की जा रही है. अगर मान लिया जाय कि भारत में 130 करोड़ में से 5 करोड़ यानी 3 प्रतिशत क्रिश्चन इकट्ठा हो जाते हैं तो क्या 3 प्रतिशत क्रिश्चन अपने समस्याओं का समाधान कर सकते हैं? अरे! 3 प्रतिशत क्रिश्चन लोग ग्राम पंचायत का सदस्य नहीं बन सकते हैं, समस्याओं का समाधान कैसे कर सकते हैं? 

उन्होंने कहा कि क्रिश्चन लोगों को अपने समस्याओं का समाधान करने के लिए एक काम करना होगा. वह यह है कि अगर देश में क्रिश्चन लोग मजलूम हैं तो उनको ढूंढना होगा कि देश में और कौन-कौन लोग मजलूम हैं. इस देश में एससी, एसटी, ओबीसी और इनसे धर्म परिवर्तन करने वाले मुस्लिम, सिख, बौद्ध जैन भी मजलूम हैं और आप क्रिश्चन लोग भी मजलूम हैं. इसलिए सभी मजलूमों में इत्तेहाद (एकता) कायम करना होगा. अगर आप लोग एससी, एसटी, ओबीसी और इनसे धर्म परिवर्तन करने वाले मुस्लिम, सिख, बौद्ध जैन से भाईचारा निर्माण करते हैं तो आपके समस्याओं का समाधान हो सकता है.

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