शनिवार, 10 जून 2017

इंड‍िया में रोजाना 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे पेट

World Hunger Day: इंडिया में रोजाना 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे पेट

World Hunger Day: इंड‍िया में रोजाना 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे पेट
इंडिया के करीब 20 करोड़ लोग प्रतिदिन भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। यह आंकड़ा चीन में भुखमरी के शिकार लोगों से कहीं ज्यादा है। यह रहस्योद्घाटन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य कृषि संगठन (एएफओ) ने अपनी रिपोर्ट ' स्टेट ऑफ फूड इनसिक्योरिटी इन वल्र्ड 2015 में कहा है कि वैश्विक स्तर पर यह संख्या 2014-15 में घटकर 79.5करोड़ रह गई है, जो एक समय 1990-92 में एक अरब थी। चीन में भूखे सोने वालों की संख्या में कमी आई है। हालांकि एएफओ के अनुसार, यहां अब भी 19.4 करोड़ लोग भूखे सोते हैं। आइए आज वर्ल् हंगर डे पर जानें ये सच...


इंडिया में हर साल नुकसान
यहां पर करीब 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और करीब 21 करोड़ टन सब्ियों का नुकसान होता है। शायद यही वजह है ि आज हर िन पूरी दुनिया में 20 हजार बच्चे भूखे रहने को मजबूर हैं। 

संख्या में गिरावट आई
आज पार्टियों और दूसरे सामाजिक निजी आयोजनों में करीब 15-20% खाना बर्बाद होता है। एक वर्ष में भारत का प्रति व्यक्ति 6-11 किलो भोजन
बर्बाद करता है। वहीं इंडिया में भी 1990 तथा 2015 के दौरान भूखे रहने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है।

इतना बबार्द होता खाना
वहीं 33% खाना (करीब 1300 करोड़ क्विंटल) बर्बाद हो जाता है दुनिया भर में। जिसकी कुल कीमत 750 अरब डॉलर है। वहीं साल 1990-92 में भारत में भूखे रहने वाले लोगों की संख्या 21.01 करोड़ थी। जो 2014-15 में घटकर 19.46 रह गई है। 

पूरी दुनिया में हालात
आज करीब 8 करोड़ लोगों को खाना नहीं नसीब होता दुनिया भर में, यानी दुनिया में हर 8वां व्यक्ति भूखे पेट सोता है। िकासशील देशों में करीब 63 करोड़ टन और औद्योगिक देशों में देशों में 67 करोड़ टन खाने की बर्बादी होती है। 

इन 5 तरीकों से रोके अन् की बर्बादी
जब आप किसी पार्टी या समारोह में जाते हैं, तो सिर्फ उतना ही खाना अपनी प्लेट में डालें, जितना आप खा सकें।
ऑफिस की कैंटीन या रेस्टोरेंट में उतना ही खाना आर्डर करें, जितना आप खा सकें।
कई बार दिखावे के चक्कर में हम ज्यादा खाना मंगाते हैं और बाद में छोड़ देते हैं, जो कूड़े में जाता है।
बच्चों के लंच बॉक्स में भी उतना ही खाना दें, जितना वो खा सकें।
इंडिया में हर साल नुकसान:  यहां पर करीब 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और करीब 21 करोड़ टन सब्ियों का नुकसान होता है। शायद यही वजह है ि आज हर िन पूरी दुनिया में 20 हजार बच्चे भूखे रहने को मजबूर हैं। 
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संख्या में गिरावट आई:  आज पार्टियों और दूसरे सामाजिक निजी आयोजनों में करीब 15-20% खाना बर्बाद होता है। एक वर्ष में भारत का प्रति व्यक्ति 6-11 किलो भोजन बर्बाद करता है। वहीं इंडिया में भी 1990 तथा 2015 के दौरान भूखे रहने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है।
इतना बबार्द होता खाना वहीं 33% खाना (करीब 1300 करोड़ क्विंटल) बर्बाद हो जाता है दुनिया भर में। जिसकी कुल कीमत 750 अरब डॉलर है। वहीं साल 1990-92 में भारत में भूखे रहने वाले लोगों की संख्या 21.01 करोड़ थी। जो 2014-15 में घटकर 19.46 रह गई है। 
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आज करीब 8 करोड़ लोगों को खाना नहीं नसीब होता दुनिया भर में, यानी दुनिया में हर 8वां व्यक्ति भूखे पेट सोता है। िकासशील देशों में करीब 63 करोड़ टन और औद्योगिक देशों में देशों में 67 करोड़ टन खाने की बर्बादी होती है।



http://www.jagranimages.com/images/28_05_2015-hungerpeople28.jpgसबसे अधिक भुखमरी भारत में, रोजाना 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे












सबसे अधिक भुखमरी भारत में, रोजाना 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे
भारत के करीब 20 करोड़ लोग प्रतिदिन भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। आश्चर्यजनक रूप से यह आंकड़ा चीन में भुखमरी के शिकार लोगों से कहीं ज्यादा है। यह रहस्योद्घाटन संयुक्त राष्ट्र की भूख
नई दिल्ली भारत के करीब 20 करोड़ लोग प्रतिदिन भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। आश्चर्यजनक रूप से यह आंकड़ा चीन में भुखमरी के शिकार लोगों से कहीं ज्यादा है। यह रहस्योद्घाटन संयुक्त राष्ट्र की भूख संबंधी एक सालाना रिपोर्ट में किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एएफओ) ने अपनी रिपोर्ट ' स्टेट ऑफ फूट इनसिक्योरिटी इन र्ल्ड 2015' में कहा है कि वैश्विक स्तर पर यह संख्या 2014-15 में घटकर 79.5 करोड़ रह गई है, जो एक समय 1990-92 में एक अरब थी। चीन में भूखे सोने वालों की संख्या में कमी आई है। हालांकि भारत में भी 1990 तथा 2015 के दौरान भूखे रहने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है। साल 1990-92 में भारत में यह संख्या 21.01 करोड़ थी, जो 2014-15 में घटकर 19.46 करोड़ रह गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपनी जनसंख्या में भोजन से वंचित रहने वालों की संख्या घटाने के महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। हालांकि एएफओ के अनुसार, यहां अब भी 19.4 करोड़ लोग भूखे सोते हैं। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि भारत के अनेक सामाजिक कार्यक्रम, भूख गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे।

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