रविवार, 11 मार्च 2018

कटघरे में बीसीसीआई टीम इंडिया में घूमते हैं दलाल, मुहैया कराते हैं लड़कियां-हसीन जहां

कटघरे में बीसीसीआई
टीम इंडिया में घूमते हैं दलाल, मुहैया कराते हैं लड़कियां-हसीन जहां
दै.मू.ब्यूरो/कोलकाता
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का आज से नहीं, बल्कि पहले से ही विवादों से गहरा नाता रहा है। विवादों को लेकर वह अक्सर घिरा रहता है। बीसीसीआई के विश्वसनियता पर हमेशा सवाल ही खड़ा हुआ है, कभी मैच फिकि्ंसग, तो कभी सट्टेबाजी का आरोप। आज एक बार फिर से बीसीसीआई कटघरे में खड़ा हो चुका है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे। क्योंकि बीसीसीआई पर जो आरोप लगा है वह बेहद हैरान करने वाला है। पारिवारिक विवाद में घिरे क्रिकेटर मुहम्मद शमी की पत्नी ने केवल शमी पर मैच फिकि्ंसग का आरोप लगाया है, बल्कि टीम इंडिया में दलालों द्वारा खिलाड़ियों को वैश्या मुहैया काराये जाने का भी आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। वहीं पत्नी के आरोपों का जवाब देते हुए शमी ने कहा कि हसीन जहां का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। 
गौरतलब है कि तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी की बीवी हसीन जहां ने फेसबुक पर अपने शौहर पर संगीन आरोप लगाने के 48 घंटे बाद एक और विस्फोटक बयान देकर इस बार सीधे बीसीसीआई को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि टीम इंडिया के साथ दलाल घूमते हैं, जो खिलाड़ियों को वेश्या उपलब्ध कराते हैं। हसीन ने एक निजी समाचार चौनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि बीसीसीआइ खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी पर विदेश ले जाता है और उन्हें पांच सितारा होटलों में ठहराता है, लेकिन उसी होटल में दलालों के माध्यम से खिलाड़ियों को लड़कियां मुहैया कराते हैं। इतनी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में लड़कियां खिलाड़ियों के कमरे में रात भर रहती हैं। ये एक रात की बात नहीं है, बल्कि हर रोज ऐसा होता है। इसके बाद हसीन जहां ने अपने पति शमी के खिलाफ अधिवक्ता जाकिर हुसैन के साथ गुरुवार को लालबाजार पुलिस मुख्यालय जाकर कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) को लिखित शिकायती पत्र सौंपा है। यदि हसीन जहां ने बयान पर गौर करें तो क्या यह साबित करने के लिए कम है कि बीसीसीआई ऐसा नहीं करता होगा? हालांकि यह जांच का विषय है इसलिए क्या गलत क्या सही है बाद में इससे भी पर्दा उठ ही जायेगा, लेकिन एक बात तो सत्य है कि जिस बीसीसीआई पर केन्द्र से लेकर भाजपा शासित राज्यों की सरकारें मेहरबान हैं वह एक निजी संस्था के साथ-साथ असंवैधानिक संस्था भी है। यह बात हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए वर्ष 2015 में ही स्वष्ट कर दिया था। इसके बाद भी सरकारे बीसीसीआई पर करोड़ों-अरबों रूपये पानी की तरह बहा रही है।

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