अगर पास हो
गया ये बिल तो
बढ़ जाएंगी देशवासियों की मुश्किलें
पिछले साल देश भर में लागू की गयी नोटबंदी तो आप सभी को याद ही होगी. इस दौरान देश में वो त्रासदी देखने को मिली जो पहले कभी नहीं देखी गयी थी. लोग कैश पाने के लिए पूरा दिन बैंक की लाइनों में लगते तब जाकर कुछ रूपये निकाल पाते थे. सरकार के इस कदम का क्या फायदा हुआ यह तो आज तक कोई भी नहीं जान सका क्योंकि ना तो महंगाई कम हुई ना किसी के खाते में धन आया. देश की जनता तो बस आज तक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. नोटबंदी का दंश झेल चुकी इस देश की जनता को सरकार की तरफ से राहत तो नहीं मिली थी लेकिन अब जनता को एक और झटका लग सकता है और इससे देश में एक नये तरह का संकट जन्म ले सकता है. बता दें कि हम और आप अपने पैसे को हिफाज़त से रखने के लिए बैंक में जमा करते हैं, बैंको पर हमें पूरा भरोसा रहता है क्योंकि अगर बैंक दिवालिया भी हो जाते हैं तो हमारा धन सुरक्षित रहता है लेकिन आगे चलकर शायद हो सकता है कि सरकारी क्या किसी भी बैंक में एक लाख रुपये से अधिक पैसा जमा करना आपके लिए सुरक्षित नहीं रहेगाए अगर संसद के शीतकालीन सत्र में केंद सरकार का यह बिल पास हो गया। इस बिल के पास हो जाने के बाद सरकार की बैंकों के गारंटर के तौर पर जिम्मेदारी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
क्या है
यह
बिल
केंद्रीय कैबिनेट
ने
अभी
हाल
ही
में
फाइनेंशियल
रेजोल्यूशन
एंड
डिपॉजिट
इन्श्योरेंस
बिल
;थ्त्क्प्द्ध
के
नए
संशोधित
ड्रॉफ्ट
को
पास
कर
दिया
है
और
इसे
संसद
में
पेश
करने
की
तैयारी
है।
दोनों
सदनों
में
बहुमत
होने
के
कारण
ये
बिल
आसानी
से
पास
हो
जाएए
इस
बात
की
पूरी
गारंटी
है।
इससे
पहले
इसे
मानसून
सत्र
में
पेश
किया
गया
थाए
लेकिन
तब
जेपीसी
के
पास
नए
सुझावों
के
लिए
भेज
दिया
गया
था।
अगर
ये
बिल
पास
हो
गया
तो
सरकार
एक
नया
रेजोल्यूशन
कॉर्पोरेशन
बनाएगी।
इस
कॉर्पोरेशन
के
बनने
के
बाद
पुराना
कानून
पूरी
तरह
से
निष्प्रभावी
हो
जाएगाए
जिसके
चलते
अभी
तक
बैंकों
को
सरकार
की
तरफ
से
गारंटी
मिली
हुई
थी।
नए
कानून
के
मुताबिक
बैंकों
के
दिवालिया
होने
की
स्थिति
में
आम
लोगों
का
एक
लाख
रुपये
से
अधिक
पैसे
का
इस्तेमाल
बैंक
को
फिर
से
खड़ा
करने
में
लगाएगी।
इतना
ही
नहीं
आप
बैंक
में
पड़े
अपने
पैसे
को
कितना
निकाल
सकते
हैं
यह
भी
सरकार
ही
तय
करेगी।
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