गुजरात गोधरा नरसंहार की फैक्ट्री से एवं बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भाजप को उभार आया...वैसे भी ब्राह्मणों का वर्चस्व हिंसा के आधार पर बना!काँग्रेस ने लोगों के मूलभूत सुविधाओं नजर अंदाज करके गांधी घरानों की आदत लगा कर राज किया था...
काँग्रेस के विरोध में वंशवाद, जातीवाद, तुष्टिकरण का आरोप लगाया और रस्ता-बिजली-पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करने का आश्वासन देकर थोड़ा बहुत पूरा किया ! हमारे लोग ब्राह्मण को ज्ञानी समझकर अपना अज्ञान छिपाते आये...क्योंकि भाजपाई भी ब्राह्मणों की B टीम है...ज्यो वंशवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण काँग्रेसवासी पालते आये...वहीं वंशवाद संघ के नाम पर ब्राह्मणों का एकछत्री राज बनाया, जातिवाद के नाम पर कोरी को चमार से, कुर्मी को अहीर से, हिन्दू को मुसलमानों से लड़वाने के बाद 3.5% ब्राह्मण के सिर पर ताज रख दिया...
दीनदयाल उपाध्याय, अटलबिहारी वाजपेयी, कुशाभाऊ ठाकरे , आदि शंकराचार्य जैसे ही ब्राह्मणों के नाम पर योजना, पुतले खड़े करना,पुरस्कारों को नाम देना,रेल स्थानकों-रास्ते-फ्लाई ओवर को नाम देना चल रहा... ब्राह्मणों की रोजगार हमी योजना मन्दिर,घाट, कुंभमेले को करोड़ों रुपये लुटाना... क्या यह अल्पसंख्यक ब्राह्मणों का तुष्टिकरण करने के बराबर नहीं ?
बहुजनों के महापुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज, सरदार पटेल एवं डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर इनके स्मृति स्थल तो सिर्फ चुनावी घोषणा पत्र बन गए...
कल गुजरात-हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे सामने आए... केंचुआ हमेशा की तरह प्रेसवार्ता लेकर कहेंगा, काँग्रेस के साथ कभी शय्या करने वाली EVM को पुरुषोत्तम या सती सावित्री जरूर घोषित करेंगी...चलो हम मान लेते है कि EVM से घोटाला नही हुवा...जिस गुजरात से भाजप का जनादेश बढ़ा वहीं से घटना भी शुरू हो गया... चाहे चरण चाट मीडिया मोदी का जादू कहता है... मगर सोशल मीडिया से बामसेफ केडर एवं पुरोगामी विचारों के सभी लोगों ने भाजप की असलियत उजागर किया...उसका भी तो नतीजा है...बहुत सारे हमारे पुरोगामी विचारों के साथी कल के नतीजों से निराशा में चले गए... मगर चढ़ता सूरज शाम ढलता भी है! हमारे बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश अध्यक्ष Balasaheb Misal गुजरात में पिछले छ महीने से जमीनी स्तर पर होने कारण सोशल मीडिया के जरिये भाजप के कम अंतर के जीत की वास्तविकता बताते थे...नतीजे आने के बाद वह सच निकले...
उत्तर प्रदेश के चुनाव समय बहनजी नहीं आ रही... पोस्ट शेयर करता था! तो बसपा के भक्त कार्यकर्ता कमेंट या इनबॉक्स में गालियां बकते थे..तो मैंने तो उसे फूलों का गुच्छा समझ लिया था ! संघ का डैमेज कंट्रोल भी परेशान है....कल तक संघ के साथ पाटीदारों-मराठा-जाट-ओबीसी-एससी-एसटी धीरे-धीरे दूर भी जा रहा है...इसलिए संघ के थिंक टैंक वेद प्रकाश वैदिक ने प्रधानमंत्री बदलने की बात छिड़ी...वैसे भी ओबीसी एवं बकौल प्रधानमंत्री मा. नरेंद्र भाई मोदी जी का भारत वर्ष की सत्ता सुंदरी को मोहन भागवत को सुपुर्द करने के बाद अवतार कार्य समाप्ति के ओर जा रहे है!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें