केंद्र सरकार ने रेलवे में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले कर्मचारियों को एक बड़ा झटका दिया है। नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेल द्वारा साल 2004 में शुरू की गयी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पर बच्चों को नौकरी देने की स्कीम को फ़िलहाल रोक दिया है।मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारतीय रेलवे ने साल 2004 में शुरू की गई स्कीम, जिसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने वाले कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जाती है उस पर फिलहाल रोक लगा दी है। रेल मंत्रालय ने एक ऑडर जारी करके सभी रेलवे बोर्ड को कहा है कि अगले ऑडर तक के लिए इस योजना पर रोक लगा दी जाए। साल 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने लिबरलाइज्ड एक्टिव रिटायरमेंट स्कीम फॉर गारंटीड एम्प्लॉयमेंट फॉर सेफ्टी स्टाफ योजना की शुरुआत की थी। इस स्कीम को लेकर जारी एक मामले की सुनवाई करते वक्त पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने जुलाई में कहा था कि इससे संविधान के सरकारी नौकरियों में सभी के लिए “समान अवसर के सिद्धांत” का उल्लंघन हो रहा है। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार सरकार की इस योजना पर देश के अलग-अलग कोर्ट ने अलग-अलग फैसले दिए हैं, इसलिए सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में जा रही है ताकि एक निश्चित फैसला इस मामले में किया जा सके।
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