मंगलवार, 13 सितंबर 2016

गैंगरेप- 'गाय खाते हो इसलिए बेइज्ज़त कर रहे हैं'

गैंगरेप- 'गाय खाते हो इसलिए बेइज्ज़त कर रहे हैं'  

  • 2 सितंबर 2016










हरियाणा के मेवात में 25 अगस्त को एक बच्ची और महिला के कथित सामूहिक बलात्कार और एक दंपति की हत्या के बाद पूरे इलाक़े में दहशत का माहौल है.
मेवात में खासी मुस्लिम आबादी रहती है. ये घटना डिंगरहेड़ी गांव में हुई जहां चार लोग बुरी तरह घायल भी हुए थे.
जहां ये घटना हुई वो खेतों के बीच एक अलग-थलग जगह थी, जहां ये मुस्लिम परिवार अकेले रहता है.
एक पीड़िता ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "हमलावर ने मुझसे पूछा- तेरा पति कहां हैं? मैंने कहा गुड़गांव में है. फिर पूछा- कब आएगा? मैंने कहा बकरीद पर आएंगे. फिर वो बोला- तुम गाय खाते हो, इसलिए तुम्हारी बेइज्ज़ती कर रहे हैं."
पीड़िता ने बीबीसी के साथ बातचीत में ये आरोप भी लगाया कि उसे और नाबालिग बच्ची को कई तरह की यौन यातनाएं दी गईं.

कई सामाजिक संगठनों और राजनेताओं ने इस घटना के पीछे तथाकथित गौरक्षकों या हिंदूवादी संगठनों का हाथ होने का आरोप लगाया है. हालाँकि इलाके की पुलिस इंस्पेक्टर जनरल ममता सिंह इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कह चुकी हैं कि हमलावरों के गौरक्षक होने के अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं.
मेव बिरादरी के स्थानीय नेता रमज़ान चौधरी बताते हैं कि इस घटना से पूरा मेवात इलाक़ा स्तब्ध है.
वो कहते हैं, "बहुत सदमे में हैं, सन्नाटा गूंज रहा है. हम बहुत ही ख़ौफ़ज़दा हैं क्योंकि इस तरह की ख़ौफ़नाक़ घटना इससे पहले हमारे इलाक़े में कभी नहीं हुई है. इस घटना के बाद से ज़बर्दस्त विरोध भी हुआ है और लोगों में खासा रोष है."

इस मामले में पुलिस ने चार हमलावरों को गिरफ़्तार किया है. गिरफ़्तार युवकों में से कुछ के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से पता चलता है कि वो कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठनों के समर्थक हैं.

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नूह बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आबिद ख़ान कहते हैं, "यहां देश की आज़ादी के समय और बंटवारे के बाद भी कभी झगड़ा नहीं हुआ है. अच्छा भाईचारा है. हो सकता है इस घटना के पीछे सांप्रदायिक भावना भड़काने की साज़िश हो."
मेवात में इस घटना के बाद महापंचायत भी हो चुकी है और धरने और प्रदर्शन भी हुए हैं. वरिष्ठ वकील नूरुद्दीन नूर का दावा है कि ये सिर्फ़ एक आपराधिक मामला नहीं है.
वो कहते हैं, "ये रिकॉर्ड पर नहीं है और न ही अभी तक जांच का विषय है और न ही अदालत के सामने आया है. लेकिन ऐसा लगता है कि इस घटना के पीछे एक मानसिकता है जिसके तहत इतनी निर्ममता के साथ ये वारदात की गई है."

दिल्ली में पीड़ित परिवार के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे हिंदूवादी संगठनों के लोगों का हाथ है.
उन्होंने कहा- "ये बताने की कोशिश की जा रही है कि ये सिर्फ़ एक हादसा था. लेकिन जिस तरह की बर्बरता महिलाओं के साथ की गई, वो तभी होती है जब सोच समझकर, योजना के तहत हादसे को अंजाम दिया गया हो."
जनता दल यूनाइटेड के सांसद अनवर अली ने मेवात का दौरा करने के बाद कहा है कि इस केस को जानबूझकर दबाया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया, "शुरू से ही ये कोशिश थी कि इस मामले को दबाया जाए. सरकारी स्तर से अभियुक्तों को बचाने की कोशिशें हो रहीं थीं."

लेकिन हरियाणा अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष चौधरी औरंगज़ेब कहते हैं कि राज्य की भाजपा सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध है.
वो कहते हैं, "इसमें हिंदू मुसलमान का कोई सवाल नहीं हैं. जो दोषी हैं, वो दोषी हैं. हमारी सरकार उन्हें सज़ा दिलाएगी."
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घटना की जांच सीबीआई से कराने का आश्वासन दिया है.
ये चाहे सिर्फ़ आपराधिक मामला हो या फिर इसका मकसद धार्मिक उन्माद फैलाना हो, हालात ये हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित मेवात में दहशत है.
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