बुधवार, 21 सितंबर 2016

बन्दर ना बने…

बन्दर ना बने…


एक बार कुछ वैज्ञानिकों ने एक बड़ा ही अद्भुत प्रयोग किया. उन्होंने 5 बंदरों को एक बड़े से पिंजड़े में बंद कर दिया और बीचों-बीच एक सीढ़ी लगा दी, जिसके ऊपर केले लटक रहे थे. जैसे कि उम्मीद थी, एक बन्दर की नज़र केलों पर पड़ी. वह उन्हें खाने के लिए दौड़ा, पर जैसे ही उसने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं उस पर ठण्डे पानी की तेज धार डाल दी गयी और उसे उतर कर भागना पड़ा. वैज्ञानिक यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक बन्दर के किये गए काम की सजा बाकी बंदरों को भी दे डाली, सभी को ठन्डे पानी से भिगो दिया. बेचारे बन्दर हक्का-बक्का एक कोने में दुबक कर बैठ गए.
पर वे कब तक बैठे रहते. कुछ समय बाद एक दूसरे बन्दर को केले खाने का मन किया और वह उछलता-कूदता सीढ़ी की तरफ दौड़ा. अभी उसने चढ़ना शुरू ही किया था कि पानी की तेज धार से उसे नीचे गिरा दिया गया और इस बार भी इस बन्दर की गुस्ताखी की सजा बाकी बंदरों को भी दी गयी.
एक बार फिर बेचारे बन्दर सहमे हुए एक जगह बैठ गए. थोड़ी देर बाद जब तीसरा बन्दर केलों के लिए लपका तो एक अजीब वाक्य हुआ. बाकी के बन्दर उस पर टूट पड़े और उसे केले खाने से रोक दिया, ताकि एक बार फिर उन्हें ठन्डे पानी की सजा न भुगतनी पड़े.
अब वैज्ञानिकों ने एक और अद्भुत चीज की. अंदर बंद बंदरों में से एक को बाहर निकाल दिया और एक नया बन्दर अंदर डाल दिया.
नया बन्दर वहां के नियम क्या जाने. वह तुरंत ही केलों की तरफ लपका, पर बाकी बंदरों ने झट से उसकी पिटाई कर दी. उसे समझ नहीं आया कि आखिर क्यों ये बन्दर खुद भी केले नहीं खा रहे और उसे भी नहीं खाने दे रहे. खैर, उसे भी समझ आ गया कि केले सिर्फ देखने के लिए हैं, खाने के लिए नहीं.
इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक और पुराने बन्दर को निकाला और नया अंदर कर दिया. इस बार भी वही हुआ नया बन्दर केलों की तरफ लपका पर बाकी के बंदरों ने उसकी धुनाई कर दी और मजेदार बात ये है कि पिछली बार आया नया बन्दर भी धुनाई करने में शामिल था, जबकि उसके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था.
प्रयोग के अंत में सभी पुराने बन्दर बाहर जा चुके थे और सभी नए बन्दर अंदर थे, जिनके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था, पर उनका व्यवहार भी पुराने बंदरों की तरह ही था. वे भी किसी नए बन्दर को केलों को नहीं छूने दे रहे थे.
दोस्तो, हमारे समाज में भी ये व्यवहार देखा जा सकता है. जब भी कोई नया काम शुरू करने की कोशिश करता है. चाहे वह पढ़ाई, खेल, एंटरटेनमेंट, व्यापार या किसी और क्षेत्र से संबंधित हो, उसके आस-पास के लोग उसे ऐसा करने से रोकते हैं, उसे असफलता का डर दिखाया जाता है और अद्भुत बात ये है कि उसे रोकने वाले अधिकांश लोग वे होते हैं, जिन्होंने खुद उस क्षेत्र में कभी कोई काम नहीं किया. इसलिए यदि आप भी कुछ नया करने की सोच रहे हैं और आपको भी समाज के विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो थोड़ा संभल कर रहिये. अपने तर्क, बुद्धि और तरीकों की सुनिए. कुछ बंदरों की जिद्द के आगे आप भी बन्दर मत बन जाइए

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