एक सनसनीखेज खुलासा, झारखंड दौरे पर 09 करोड़ खर्च
मोदी ने सवा घंटे के दौरे में खाया 44 लाख का खाना
नई दिल्ली/दै.मू.समाचार
देश विनाशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल विदेश दौरों पर अरबों रूपये पानी की तरह बहाए जाते हैं बल्कि देश में भी उनके दौरे और कार्यक्रमों पर भारी भरकम रूपये बर्बाद लिए जाते हैं इसके हजारों सबूत देखने को मिल चुके हैं। मोदी के दौरे पर अरबों खरबों रूपया पानी की तरह किस कदर बहाया जा रहा है इसका सबूत भी मंगलवार 27 जून 2017 को तब देखने को मिला जब झारखंड सरकार ने पीएमओ को मोदी के झारखंड दौरे के दौरान उनके खाने और कार्यक्रमों में होने वाले खर्च का बिल भेजा।
दैनिक मूलनिवासी नायक वरिष्ठ संवाददाता ने सनसनीखेज जानकारी देते हुए बताया कि देश विनाशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल विदेश दौरों पर अरबों रूपये पानी की तरह बहाए जाते हैं बल्कि देश में भी उनके दौरे और कार्यक्रमों पर भारी भरकम रूपये बर्बाद लिए जाते हैं इसके हजारों सबूत देखने को मिल चुके हैं इसके बाद भी बीजेपी सरकार अपनी पार्टी को सिद्धांतवादी बताने से गुरेज नहीं करती है। मोदी के दौरे पर अरबों खरबों रूपया पानी की तरह किस कदर बहाया जा रहा है इसका सबूत भी मंगलवार 27 जून 2017 को तब देखने को मिला जब झारखंड सरकार ने पीएमओ को मोदी के झारखंड दौरे के दौरान उनके खाने और कार्यक्रमों में होने वाले खर्च का बिल भेजा। विशेष सूत्रों के अनुसार 06 अप्रैल को पीएम मोदी झारखंड दौरे पर थे, यहां उन्होंने साहेबगंज में गंगा नदी पर मल्टी-मॉडल टर्मिनल की सौगात दी थी, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम मोदी के इस दौरे पर कुल 09 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। जो देश की जनता के साथ धोखेबाजी है। बीजेपी खुद को सिद्धांतवादी पार्टी तो बताती है लेकिन उसके नेता के सवा घंटे के दौरे पर 09 करोड़ रुपए का खर्च कई सवाल खड़े करता नजर आ रहा है। अगर इस सवा घंटे में 09 करोड़ खर्च किए गये सेकेंड में जोड़ा जाए तो हर सेकेंड 20 हजार रुपए खर्च हो रहा है। बात यहीं खत्म नहीं हुई है जो बिल झारखंड सरकार द्वारा पीएमओ को भेजा गया है उसके मुताबिक पीएम मोदी के मात्र खाने पर 44 लाख रुपए खर्च किए गए हैं, इसके साथ ही पीएम के आने से पहले शहर को खूबसूरत बनाने के लिए हैलीपैड और शिलान्यास कार्यक्रम के लिए भी भारी भरकम रकम पानी की तरह बहाई गई। जिसका बिल बाकायदा प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ को भी भेजा गया है जिसके बाद नाराज पीएमओ ने इस मामले की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
मोदी द्वारा पानी की पैसा बहाने का यह पहली घटना नहीं है बल्कि मोदी ने रेलवे को भी लाखों रूपये का चूना लगाने से पीछे नहीं हटे हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले विनोद सामरिया 02 मार्च 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को फतेहपुर सीकरी से लखनऊ लाए थे। शुरुआती बुकिंग का खर्चा 18.4 लाख रुपए था, जिसमें 05 लाख की सिक्योरिटी भी शामिल थी। इसका भुगतान उन्होंने पार्टी फंड से किया था। लेकिन बाद में रेलवे ने इस खर्चे को 30.68 लाख तक बढ़ा दिया, क्योंकि ट्रेन को 04 स्टेशनों पर समर्थकों को लेने के लिए रोका गया था। अग्रिम भुगतान को समायोजित करते हुए अंतिम बिल राशि 12.3 लाख रुपए के करीब आई थी जो अभी तक लंबित पड़ी है।
आपको बताते चलें कि उस वक्त मोदी द्वारा सामरिया को संदेश दिया गया था कि थी कि पार्टी फंड से इस बिल का भुगतान हो जाएगा। लेकिन 11 मई को रेलवे के ताजा नोटिस के बाद सामरिया की चिंता बढ़ गई। अब उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी इस मामले में बात की है। सामरिया ने बताया कि ट्रेन मेरे नाम पर बुक थी। मैं एक किसान हूं और इतने बिल का भुगतान नहीं कर सकता। पार्टी नेताओं से गुजारिश के बावजूद मुझे सिर्फ दिलासे ही मिले हैं परन्तु बिल भुगतान के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। मोदी रवैया देखकर तो ऐसा लगता है कि मेरी कुछ बची संपिŸा ही कुर्क हो जायेगी। यदि उक्त बातों का पूर्ण रूप से विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले मोदी ने कहा था कि ‘‘मुझे प्रधानमंत्री मत बनाना, मुझे देश का चौकीदार बनाना, मैं इंडिया गेट पर बैठकर चौकीदारी करूंगा’’ बाद में उन्होंने कहा कि न तो मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा, लेकिन चौकीदार मोदी ने ठीक इसका उलटा करते हुए खुद लुटा और दूसरों को भी लूटने के लिए छूट ही नहीं दिया बल्कि खुद रेवले को 12 लाख रूपये का भारी चूना भी लगा दिया।
मोदी ने सवा घंटे के दौरे में खाया 44 लाख का खाना
नई दिल्ली/दै.मू.समाचार
देश विनाशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल विदेश दौरों पर अरबों रूपये पानी की तरह बहाए जाते हैं बल्कि देश में भी उनके दौरे और कार्यक्रमों पर भारी भरकम रूपये बर्बाद लिए जाते हैं इसके हजारों सबूत देखने को मिल चुके हैं। मोदी के दौरे पर अरबों खरबों रूपया पानी की तरह किस कदर बहाया जा रहा है इसका सबूत भी मंगलवार 27 जून 2017 को तब देखने को मिला जब झारखंड सरकार ने पीएमओ को मोदी के झारखंड दौरे के दौरान उनके खाने और कार्यक्रमों में होने वाले खर्च का बिल भेजा।
दैनिक मूलनिवासी नायक वरिष्ठ संवाददाता ने सनसनीखेज जानकारी देते हुए बताया कि देश विनाशक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल विदेश दौरों पर अरबों रूपये पानी की तरह बहाए जाते हैं बल्कि देश में भी उनके दौरे और कार्यक्रमों पर भारी भरकम रूपये बर्बाद लिए जाते हैं इसके हजारों सबूत देखने को मिल चुके हैं इसके बाद भी बीजेपी सरकार अपनी पार्टी को सिद्धांतवादी बताने से गुरेज नहीं करती है। मोदी के दौरे पर अरबों खरबों रूपया पानी की तरह किस कदर बहाया जा रहा है इसका सबूत भी मंगलवार 27 जून 2017 को तब देखने को मिला जब झारखंड सरकार ने पीएमओ को मोदी के झारखंड दौरे के दौरान उनके खाने और कार्यक्रमों में होने वाले खर्च का बिल भेजा। विशेष सूत्रों के अनुसार 06 अप्रैल को पीएम मोदी झारखंड दौरे पर थे, यहां उन्होंने साहेबगंज में गंगा नदी पर मल्टी-मॉडल टर्मिनल की सौगात दी थी, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम मोदी के इस दौरे पर कुल 09 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। जो देश की जनता के साथ धोखेबाजी है। बीजेपी खुद को सिद्धांतवादी पार्टी तो बताती है लेकिन उसके नेता के सवा घंटे के दौरे पर 09 करोड़ रुपए का खर्च कई सवाल खड़े करता नजर आ रहा है। अगर इस सवा घंटे में 09 करोड़ खर्च किए गये सेकेंड में जोड़ा जाए तो हर सेकेंड 20 हजार रुपए खर्च हो रहा है। बात यहीं खत्म नहीं हुई है जो बिल झारखंड सरकार द्वारा पीएमओ को भेजा गया है उसके मुताबिक पीएम मोदी के मात्र खाने पर 44 लाख रुपए खर्च किए गए हैं, इसके साथ ही पीएम के आने से पहले शहर को खूबसूरत बनाने के लिए हैलीपैड और शिलान्यास कार्यक्रम के लिए भी भारी भरकम रकम पानी की तरह बहाई गई। जिसका बिल बाकायदा प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ को भी भेजा गया है जिसके बाद नाराज पीएमओ ने इस मामले की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
मोदी द्वारा पानी की पैसा बहाने का यह पहली घटना नहीं है बल्कि मोदी ने रेलवे को भी लाखों रूपये का चूना लगाने से पीछे नहीं हटे हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले विनोद सामरिया 02 मार्च 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को फतेहपुर सीकरी से लखनऊ लाए थे। शुरुआती बुकिंग का खर्चा 18.4 लाख रुपए था, जिसमें 05 लाख की सिक्योरिटी भी शामिल थी। इसका भुगतान उन्होंने पार्टी फंड से किया था। लेकिन बाद में रेलवे ने इस खर्चे को 30.68 लाख तक बढ़ा दिया, क्योंकि ट्रेन को 04 स्टेशनों पर समर्थकों को लेने के लिए रोका गया था। अग्रिम भुगतान को समायोजित करते हुए अंतिम बिल राशि 12.3 लाख रुपए के करीब आई थी जो अभी तक लंबित पड़ी है।
आपको बताते चलें कि उस वक्त मोदी द्वारा सामरिया को संदेश दिया गया था कि थी कि पार्टी फंड से इस बिल का भुगतान हो जाएगा। लेकिन 11 मई को रेलवे के ताजा नोटिस के बाद सामरिया की चिंता बढ़ गई। अब उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी इस मामले में बात की है। सामरिया ने बताया कि ट्रेन मेरे नाम पर बुक थी। मैं एक किसान हूं और इतने बिल का भुगतान नहीं कर सकता। पार्टी नेताओं से गुजारिश के बावजूद मुझे सिर्फ दिलासे ही मिले हैं परन्तु बिल भुगतान के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। मोदी रवैया देखकर तो ऐसा लगता है कि मेरी कुछ बची संपिŸा ही कुर्क हो जायेगी। यदि उक्त बातों का पूर्ण रूप से विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले मोदी ने कहा था कि ‘‘मुझे प्रधानमंत्री मत बनाना, मुझे देश का चौकीदार बनाना, मैं इंडिया गेट पर बैठकर चौकीदारी करूंगा’’ बाद में उन्होंने कहा कि न तो मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा, लेकिन चौकीदार मोदी ने ठीक इसका उलटा करते हुए खुद लुटा और दूसरों को भी लूटने के लिए छूट ही नहीं दिया बल्कि खुद रेवले को 12 लाख रूपये का भारी चूना भी लगा दिया।
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