महाराष्ट्रा में ईवीएम के विरोध में राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ ने उठाई आवाज
चन्द्रपुर/दै.मू.समाचार
जब तक देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रहेगी तब तक देश की सŸा पर यूरेशियन ब्राह्मणों का कब्जा रहेगा। इस बात में कोई दो राय नहीं है। इसको खत्म करने का जन-आंदोलन के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है। यह बात राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ उŸार प्रदेश प्रभारी आयु.निशा मेश्राम ने उस वक्त कही जब महाराष्ट्र के चन्द्रपुर में राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ के एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।
दैनिक मूलनिवासी नायक वरिष्ठ संवददाता ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार 17 जुलाई 2017 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिला के नागभीड़ तहसील में राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ का एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यह कार्यक्रम विशाल रूप धारण करते हुए हर्षोल्हास के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशाल कार्यक्रम में मूलनिवासी बहुजन समाज की महिलाओं ने भारी संख्या में बढ़-चढ़ हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयु.हेमलता पाटिल ने कहा कि शासक जाति के लोगों ने मूलनिवासी बहुजन समाज में आज की तारीख में हजारों समस्याएं पैदा की हैं। जिसका मूलकारण यह है कि आज भी मूलनिवासी बहुजन समाज यूरेशियन ब्राह्मणों का गुलाम है। क्योंकि गांधी एवं कांग्रेस द्वारा तथाकथित आजादी का आंदोलन चलाया गया। जिसमें हमारे समाज के लोगों ने ब्राह्मणों के आंदोलन और अपनी गुलामी को दृढ़ बनाने के लिए साथ सहयोग किया। जबकि वास्तविक रूप से वह आजादी का आंदोलन मूलनिवासी बहुजनों के आजादी का आंदोलन ही नहीं था बल्कि वह कथित आजादी का आंदोलन केवल यूरेशियन ब्राह्मणों के आजादी और मूलनिवासी बहुजनों को दीर्घकाल तक गुलाम बनाए रखने के लिए आंदोलन था। यही कारण है कि कथित आजादी मिलने के बाद जो समस्याएं थी वह खत्म होने के बजाए और ज्यादा बढ़ती गई, जिसका नतीजा है कि आज मूलनिवासी बहुजनों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है। इसका मतलब यह है कि अपनी समस्याओं को खत्म करने के लिए हमें संघर्ष करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उŸार प्रदेश प्रभारी आयु.निशा मेश्राम ने बताया कि ईवीएम मशीन के माध्यम से मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव करना संभव नहीं है। क्योंकि ईवीएम मशीन अंतर्राष्ट्रीय मानकों में से सभी मानकों पूरी नहीं करती है। उन्होंने कहा कि उŸार प्रदेश के विधानसभा 2017 के चुनाव में ईवीएम मशीन का दुरूपयोग करके ब्राह्मणवादी पार्टी बीजेपी चुनाव जीतकर सŸा मे आई है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ईवीएम से चुनाव सम्पन्न कराना लोकतंत्र की हत्या है। यही नहीं मतदाताओं के मौलिक अधिकार का हनन है। इस बात पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होना चाहिए, मगर ब्राह्मणवादी मीडिया इतने बड़े घोटाले को दबाकर समाज को गुमराह कर रहा है। मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि जब तक देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रहेगी तब तक देश की सŸा पर यूरेशियन ब्राह्मणों का कब्जा रहेगा। इस बात में कोई दो राय नहीं है। इसको खत्म करने का रास्ता जन-आंदोलन के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
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