शनिवार, 25 मई 2019

अधिकार वंचित ओबीसी

अधिकार वंचित ओबीसी


राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)
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ओबीसी अधिकार वंचित इसलिए है कि साइमन कमीशन के दरम्यान डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के अथक प्रयास से लंदन में लड़ाई लड़ने के बाद साइमन कमीशन को भारत में समीक्षा करने के लिए डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर ने बुलाया था. उस समय लंदन से गाँधीजी भारत आये तो उनसे ब्राह्मण नेता पंडित मदनमोहन मालवीय, लाला लाजपत राय और नेहरू मण्डली ने पूछा कि क्या हुआ? तब गाँधीजी को पसीना आ रहा था, उन्होंने कहा पहले पानी लाओ फिर बताता हूँ. पानी पीने के बाद गाँधी ने बताया कि सब गड़बड़ होने वाला है. गाँधीजी ने कहा कि डॉ.अम्बेडकर साइमन कमीशन को भारत में आने के लिए राजी कर लिया है, साइमन कमीशन भारत में आ रहा है.
 
अगर आप एससी, एसटी से कोई बात कहेंगे तो अब वह आपकी बात मानने वाले नहीं हैं, इसलिए सबसे बड़ा तबका 52 प्रतिशत ओबीसी के लोगों को हम चाहे तो भरमा सकते हैं. तो उन्होंने सवाल पूछा कैसे? तब गाँधीजी ने कहा कि ओबीसी को अपने चारपाई पर बैठाओ, ओबीसी को मंदिर में जाने दो और ओबीसी से कहो कि वे हमारी बराबरी में आ गये हैं. यही नहीं ओबीसी को यह भी बताओ कि डॉ.अम्बेडकर तुम्हें अछूत बनाने के लिए साइमन कमीशन बुला रहा है, अगर तुमने सही बात कह दिया तो तुम अछूत बन जाओगे. इसलिए तुम लोग जनेऊ पहनों अगर कोई पूछता है कि जनेऊ कब से पहन रहे हो तो तुम लोग कहना कि हम लोग जनेऊ पहले से पहन रहे हैं और हमारे बाप-दादा भी पहने थे. हमसे कोई भेद-भाव नहीं रखता है, कुएं में हम लोग साथ-साथ पानी भरते हैं और साथ में पूजा करते हैं, यह बात कहना नहीं तो अछूत और नीच हो जाओगे. केवल यही बात कहकर ओबीसी को भरमाया जा सकता है. 

इतना षड्यंत्र गाँधी, नेहरू, लाला लाजपत राय, मदनमोहन मालवीय यानी कांग्रेस मण्डली ने ओबीसी को भ्रम में डालने के लिए षड्यंत्र किया और कामयाब भी हो गये. इधर ओबीसी जनेऊ धारण करने लगा, पूजा करने लगा और खुद अछूतों से भेदभाव रखने लगा और नीच, अछूत बनने की डर से ब्राह्मणों के षड्यंत्र का शिकार हो गया. डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर चाहते थे कि जैसे एससी, एसटी को सामाजिक, आर्थिक भेदभाव के कारण सूचीबद्ध किया गया है उसी तरह से अगर ओबीसी सूचीबद्ध हो गया होता तो एससी, एसटी की तरह ओबीसी को भी उसी समय से आरक्षण मिलना शुरू हो गया होता. लेकिन, ओबीसी ने साइमन कमीशन से झूठ बोला कि हमारे साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है, इसलिए ओबीसी अधिकार वंचित हो गया. इसके बाद भी ओबीसी ने गाँधीजी को ही अपना मसीहा माना और डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर को नहीं, इसलिए ओबीसी की आज ऐसी दशा बनी हुई है.

इसके बाद भी डॉ.बाबसाहब अम्बेडकर ने ओबीसी के लिए संविधान में आर्टिक 340 लिखा कि ओबीसी की जाति आधारित जनगणना कराकर एससी, एसटी के तर्ज पर ओबीसी को आरक्षण दिया जाए. इसके लिए डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर ने सदन में ओबीसी की जाति आधारित जनगणना कराने के लिए आवाज उठायी, परन्तु नेहरू ने ओबीसी की जाति आधारित जनगणना करने से इन्कार कर दिया. तब जाकर डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं जब डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ओबीसी को जागृत करने का काम शुरू किया तो फिर कांग्रेस मण्डली (ब्राह्मणों) ने ओबीसी को भ्रम में डालने के लिए दूसरा षड्यंत्र शुरू कर दिया. कांग्रेस मण्डली ने ओबीसी से कहा कि तुम लोग हमारे पास आ जाओ हम तुम्हारे लिए एक आयोग बनाते हैं, इस तरह से ओबीसी फिर ब्राह्मणों के षड्यंत्र का शिकार हो गया और ब्राह्मणों के साथ हो गये. इसके बाद काका कालेलकर नाम से समीति बनाया गया और दो-चार साल के बाद काका कालेलकर की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

इसी तरह से 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी तो फिर ओबीसी को षड्यंत्र के जाल में फंसाने के लिए ब्राह्मणों ने कहा कि हम तुम्हारे काका कालेलकर की रिपोर्ट को लागू करवायेंगे, तुम हमारा साथ दो. ओबीसी के साथ सहयोग से मोरारजी देसाई की सरकार बनी, सरकार बनने के बाद जब ओबीसी ने कहा कि अब आप काका कालेलकर की रिपोर्ट लागू करो, तब मोरारजी देसाई ने कहा कि यह रिपोर्ट पुरानी हो गयी है, दूसरी रिपोर्ट तैयार करनी होगी. इसके बाद फिर से मण्डल आयोग बनाया गया, चूँकि यह ब्राह्मणों का षड्यंत्र था कि रिपोर्ट पुरानी कहकर दो-चार साल इसी तरह से बीता दिया जायेगा और यही हुआ. इसके बाद इंदिरा गाँधी की सरकार आयी और उसने भी वही किया जो नेहरू और देसाई ने किया था. यह षड्यंत्र भी ओबीसी नहीं समझ सका और ब्राह्मणों का शिकार हो गया.

साइमन कमीशन से लेकर आज तक लगभग 90-91 वर्ष हो गया, यानी लगभग सौ वर्ष से ओबीसी आरक्षण से वंचित हैं. मैं ओबीसी के लोगों से आवाहन करता हूँ कि अब आपको डॉ.बाबासाहब अम्बेडकर जैसा वामन मेश्राम का नेतृत्व मिल गया है, इसलिए पूरी शक्ति के साथ इनका साथ सहयोग करें, वर्ना चूक गये तो फिर से हजारों वर्ष पीछे चले जाओगे.

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