बुधवार, 1 मई 2019

नीदरलैंड में अपराधियों के लिए तरस रहे जेल

संकट में जेल
नीदरलैंड में अपराधियों के लिए तरस रहे जेल
नीदरलैंड में बंद हो रहीं जेल और भारत मे सरकारी स्कूल


राजकुमार (दैनिक ​मूलनिवासी नायक)

जहाँ एक ओर दुनिया के कई देशों में अपराध तेजी से बढ़ रहा है तो वहीं एक देश में जेल बंद होने के कगार पर है. जी हाँ यह सच है एक यूरोपीय देश नीदरलैण्ड दुनिया का ऐसा देश है जहाँ एक भी कैदी नहीं है. यहाँ की जेलें अपराधियों के लिए तरस रही हैं. जेलों में काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए दूसरे देशों से अपराधी लाये जा रहे हैं. सरकार का फैसला है कि जेल के सभी कर्मचारियों को दूसरे जगह शिफ्ट करके सभी जेलों को बंद कर दिया जायेगा.

गौरतलब है कि हर देश में क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है. कई देशों में तो क्राइम इस हद तक बढ़ गया है कि अपराधी ज्यादा होने से जेल में जगह नहीं है. अगर भारत की बात करें तो इस मामले में भारत नंबर वन देश है जहाँ 100 की क्षमता वाले जेलों में 2500 से 3000 तक कैदियों को रखा जाता है. लेकिन, यूरोप का नीदरलैंड एक देश ऐसा है जहाँ एक भी कैदी नहीं है. जेल को बंद करने का फैसला लिया गया है. जेल बंद होने से कई लोगों को झटका भी लगा है. क्योंकि जेल में करीब 2 हजार लोग काम करते हैं. फिलहाल नीदरलैंड सरकार ने फैसला लिया है कि जब तक जेल में काम कर रहे कर्मचार्रियों को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर दिया जाता है तब तक जेलों को बंद नहीं किया जायेगा. इसलिए जेलों में कार्यरत कर्मचारियों की फिलहाल नौकरी बचाने के लिए नीदरलैंड सरकार दूसरे देशों से अपराधी लाकर अपने जेलों में बंद कर रही है. वहाँ की सरकार का फरमान है कि जल्द से जल्द जेल में कार्यरत कर्मचारियों को दूसरे जगह शिफ्ट करने के तुरंत बाद ही जेलों को बंद कर दिया जायेगा. 


बता दें कि दुनिया भर के देशों की जेलों में गुंडे और अपराधी सालों जेल की सजा काट रहे हैं, लेकिन वेस्टर्न यूरोप के देश नीदरलैंड में घटते क्राइम की दर शून्य हो गयी है. नीदरलैंड की कुल आबादी जहाँ 1 करोड़ 71 लाख 32 हजार से ज्यादा है. वहीं सलाखों के पीछे डालने के लिए कोई अपराधी ही नहीं है. खबर के अनुसार वर्ष 2013 तक वहांँ की जेलों में केवल 19 कैदी ही रह गये थे जो वर्ष 2019 आते-आते वहांँ कैदियों की संख्या शून्य हो गई. इसलिए जेलों को बंद किया जा रहा है. जेलों के कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए दूसरे देशों के कैदियों को आयात किया जा रहा है. 

नीदरलैंड जहाँ लगातार शांति और सुरक्षा की ओर बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारत में जेलों की बड़ी संख्या होने पर भी उनमें क्षमता से अधिक अपराधी भरे हुए हैं. इसके बाद भी न तो अपराध कम हो पा रहे हैं और न ही अपराधी, दोनों ही बढ़ते जा रहे हैं. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जहाँ नीदरलैंड में जेल बंद हो रहे हैं तो वहीं भारत में सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर हैं. क्या भारत में सरकारी स्कूलों के बंद करने से अपराध और अपराधी में कही होगी? निश्चित तौर से इसका जवाब है नहीं, परन्तु भारत में लाखों सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर आ चुके हैं.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें