चुनावी परिणाम आने के दौरान वामन मेश्राम ईवीएम घोटाले को लेकर चुनाव आयोग सहित भाजपा पर करारा हमला बोला है. पूरे दावे के साथ वामन मेश्राम ने कहा है कि ईवीएम में घोटाला करके फिर से भाजपा केन्द्र की सत्ता पर अनियंत्रित कब्जा किया है. उनका दावा है कि बगैर ईवीएम में घोटाला किए बीजेपी कभी भी चुनाव नहीं जीत सकती है. उन्होंने चुनावी घोषणा के बाद ही 11 अप्रैल को ऐलान कर दिया था कि भाजपा ईवीएम में घोटाला करके फिर से सरकार बना रही है. इसलिए हम चरबद्ध राष्ट्रव्यापी जेलभरो आंदोलन करेंगे और 23 मई को अनिश्चित काल के लिए भारत बंद करेंगे. यही नहीं वामन मेश्राम ने 30 अप्रैल को जेलभरो आंदोलन के दौरान ही पूना के जेल में आयोग द्वारा बनाए गये रूल 56-डी, 56-सी और 49-एम को जलाया था और 15 मई को यही रूल देशभर में जलाने के लिए कार्यकर्ताओं को आदेश जारी किया था, जो बड़ी सफलता के साथ जलाया गया था.
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)
उन्होंने चुनाव आयोग पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ईवीएम घोटाले में चुनाव आयोग पूरी ते सक्रिय होकर घोटाला करवा रहा है. उनका आरोप है कि चुनाव आयोग सरकार के हाथों बिक गया है जो देश और जनता के साथ-साथ संविधान व लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन गया है. चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए वामन मेश्राम ने कहा कि चुनाव आयोग खुद चोर है और चोरों का सरदार है. क्योंकि चुनाव आयोग जनता और संविधान के साथ धोखेबाजी किया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में आदेश दिया था कि ईवीएम में बगैर वीवीपीएटी लगाये मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को यह भी आदेश दिया था कि विवाद की स्थिति में वीवीपीएटी से निकलने वाली पर्ची की 100 प्रतिशत गिनती करनी होगी, मगर आयोग, कांग्रेस और बीजेपी ने मिलकर 56-डी, 56-सी और 49-एम नाम का एक रूल बना दिया ताकि कोई भी विपक्षी पार्टियाँ कागजी मतपत्रों की गिनती की मांग न कर सकें. मेश्राम ने कहा कि यह रूल संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है जो मौलिक अधिकारों को खत्म कर दिया है. वामन मेश्राम ने यह भी कहा था कि कांग्रेस, बीजेपी को जिताने के लिए उसकी मदद कर रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और गुजरात में कांग्रेस जीरों पर जा सकती है.
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