‘‘यह बात मैं किसी अनुमान के आधार पर नहीं कह रहा हूँ, बल्कि पूख्ता सबूत के आधार पर कहा रह हूँ कि ईवीएम में घोटाला करके ही बीजेपी सरकार बना रही है-वामन मेश्राम’’
देश के लिए बीजेपी हानिकारक है...यह बात आज दूसरी बार भी सच साबित हुआ है. इसी के साथ यह भी साबित हो चुका है कि देश का भविष्य फिर से खतरे में पड़ गया है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में घोटाला करके एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी केन्द्र की सत्ता पर कब्जा करने में कामायाब हो गयी है. 23 मई, भारतीय राजनीति के लिए काली रात से कम नहीं है. क्योंकि ईवीएम के आगे पूरा विपक्ष चारों खाने चित हो गया है.
राजकुमार (संपादक, दैनिक मूलनिवासी नायक)
बीजेपी के इस षड्यंत्र के बाद बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम की वो हर बात सच साबित होती गयी है जो ईवीएम में बड़े पैमाने पर घोटाले की बात लगातार 2014 से कहते आ रहे हैं. यही नहीं लोकसभा चुनाव और मतदान होने से पहले भी उन्होंने दावा किया था कि ईवीएम में घोटाला करके ही बीजेपी सरकार में आ सकती है. उन्होंने दावा किया था कि यह बात मैं किसी अनुमान के आधार पर नहीं, बल्कि पूख्ता सबूत के आधार पर कहा रह हूँ कि ईवीएम में घोटाला करके ही बीजेपी सरकार बना रही है. उनका घोषणा किया था कि 23 मई को मतगणना होगी और हम उसी दिन अनिश्चित काल के लिए भारत बंद करेंगे. हालांकि यह दावा उन्होंने जेलभरो आंदोलन के पहले ही कर दिया था. चौंकाने वाली बात यह है कि जिस तरह से बीजेपी की जीत सुनिश्चित हुई है इस जीत ने वामन मेश्राम की बात को सच साबित कर दिया है.
बता दें कि पूरा देश और जनता मोदी और भाजपा के खिलाफ हो चुकी थी. इसी के साथ यूपी सहित अन्य राज्यों में गठबंधन भी एक हो गया था. मोदी के खिलाफ गठबंधन और मोदी के प्रति जनता का रवैया साफ बता रहा था कि मोदी को जनता एक भी वोट नहीं दिया है. खासकर यूपी में गठबंधन की वजह से अहिर, चमार तो बीजेपी को विल्कुल ही नहीं वोट दिया है. इसके बाद भी बीजेपी को भारी जीत मिली है. जबकि जमीनी हकीकत यह है कि यूपी में सपा-बसपा अकेले दम पर 20-22 सीटें आसानी से निकाल लेते थे. इसके अलावा इस बार दोनों पार्टियाँ एक हो गयीं थीं. दोनां का वोट इकट्ठा होने बाद भी गठबंधन को करारी हार का मुँह देखना पड़ा. यह इस बात का पुख्ता सबूत है कि यूपी में बड़े पैमाने पर ईवीएम में घोटाला हुआ है. ईवीएम में अदलाबदली हुई है और ईवीएम के माध्यम से जनता की आँखों के सामने उनके वोटों को एक तरह से जबरदस्ती छीन लिया गया है. यदि बीजेपी के पाँच साल के कार्यकाल पर नजर डाली जाय तो स्पष्ट होता है कि इस चुनाव में बीजेपी को 169-177 से ज्यादा सीटें नहीं है, लेकिन ईवीएम घोटाले ने बहुमत दिला दिया है.
हालांकि अब तो बीजेपी दूसरी बार सत्ता पर कब्जा करने जा रही है. मगर, यह भी सच है कि मोदी सरकार के आने बाद एक बार फिर से देश का भविष्य खतरे में पड़ गया है. क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद देश में न केवल बेरोजगारी, महंगाई, हत्या, बलात्कार, भुखमरी, गरीबी, दंगा-फसाद, धार्मिक उन्माद, अन्याय, अत्याचार, और आतंकी हमले बढ़ जायेंगे, बलिक देश की इकोनॉमी और विकास भी पूरी से चौपट हो जायेगा. चूंकि पाँच साल में मोदी सरकार ने इसके अलावा कुछ भी नहीं किया है और अब फिर यही करने के लिए आ रही है.
दूसरी बात यह है कि जो चुनाव के दौरान यह कयास लगाये जा रहे थे कि यह ‘देश का अंतिम चुनाव होगा’ मोदी सरकार की वापसी के बाद यह सच हो सकता है. क्योकि, मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ पर बहुत जल्द ही मुहर लग सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह निश्चित तौर पर देश को सत्यानाश की दहलीज पर खड़ा करने जैसा होगा. क्योंकि अभी भी 36 राज्यों में 18 राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
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